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डिसेबिलिटी छात्रों की फीस माफी के लिए लखनऊ हाईकोर्ट से गुहार, 18 जून को होगी अगली सुनवाई

locationलखनऊPublished: May 29, 2020 11:56:50 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

योगी सरकार के फीस न बढ़ाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे निजी स्कूल

डिसेबिलिटी छात्रों की फीस माफी के लिए लखनऊ हाईकोर्ट से गुहार, 18 जून को होगी अगली सुनवाई

डिसेबिलिटी छात्रों की फीस माफी के लिए लखनऊ हाईकोर्ट से गुहार, 18 जून को होगी अगली सुनवाई

लखनऊ. यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में ऑनलाइन क्लास करने में असमर्थ डिसेबिलिटी छात्रों की फीस माफी के लिए गुहार की गई है। हाईकोर्ट ने याची की अपील को सुनकर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा यूपी और सीबीएसई बोर्ड को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में लखनऊ हाईकोर्ट अगली सुनवाई 18 जून करेगी। फीस माफी पर हाईकोर्ट में एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई होगी। जिसमें यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों से मौजूद सत्र में फीस न बढ़ाने का आदेश जारी किया था। जिसे प्राइवेट स्कूलों ने लखनऊ बेंच में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल को नोटिस जारी कर सरकार से इस संबंध में 18 जून तक जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ लखनऊ में एक रिट याचिका संख्या 8181/2020 आरके पाल द्वारा पिता कृष्ण कन्हैया पाल एडवोकेट ने दायर की है। इस याचिका में याची ने हाईकोर्ट की खंडपीठ लखनऊ से प्रार्थना की है कि जो छात्र और छात्राएं डिसिबेंलिटी एक्ट 2016 में प्रदत्त विकलांगकर्ताओं की श्रेणी में आते हैं, उनकी स्कूल की फीस माफ की जाए क्योंकि वह छात्र/छात्राएं लॉकडाउन समय काल में स्कूल बंद होने की दशा में ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में अक्षम हैं। इस याचिका में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश, सीबीएसई बोर्ड को आवश्यक रुप से विपक्षी पक्षकार बनाया गया है। याचिका की सुनवाई के उपरांत लखनऊ हाईकोर्ट ने सभी विपक्षीगणों को नोटिस जारी की है। अगली सुनवाई की तिथि 18 जून नियत की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से कृष्ण कन्हैया पाल एडवोकेट ने अपना पक्ष रखा, राज्य सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया।
योगी सरकार के फीस न बढ़ाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे निजी स्कूल :- कोरोना संकट की वजह से यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी निजी स्कूलों से मौजूद सत्र में फीस न बढ़ाने का आदेश जारी किया था। सरकार के इस आदेश को निजी स्कूलों की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल को नोटिस जारी कर सरकार से इस संबंध में 18 जून तक जवाब मांगा है। याचिका पर सुनवाई में निजी स्कूलों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपना पक्ष पेश किया। यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ यूपी व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवायी करते हुए पारित किया है। याचिका में सरकार के 27 अप्रैल 2020, 1 मई 2020 के आदेशों को चुनौती दी गई है। कहा गया कि कोरोना महामारी के नाम पर गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के इस वर्ष फीस वृद्धि पर रोक लगा दी गई है जो कि मनमाना, अतार्किक एवं असंवैधानिक है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद महाधिवक्ता को नोटिस जारी कर दी और साथ ही राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा तलब कर लिया है।
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