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सुपोषित जननी-विकसित धारिणी पखवारे में लखनऊ मंडल अव्वल

locationलखनऊPublished: Mar 26, 2019 05:33:19 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

टॉप टेन जिलों में प्रतापगढ़, बहराइच, हरदोई, लखनऊ, आजमगढ़, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, खीरी और गोरखपुर के नाम शामिल

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सुपोषित जननी-विकसित धारिणी पखवारे में लखनऊ मंडल अव्वल

लखनऊ. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रदेश में आठ से 22 मार्च तक चलाये गए “सुपोषित जननी, विकसित धारिणी” पखवारे के दौरान लखनऊ मंडल के छ्ह जिलों को मिलाकर सर्वाधिक 11,866 लाभार्थियों के नाम पंजीकृत किए गए हैं। इस दौरान लखनऊ जिले में 2573, खीरी में 1862, उन्नाव में 1592, रायबरेली में 1560, हरदोई में 2683 और सीतापुर में 1596 लाभार्थियों के नाम दर्ज हुए। दूसरी ओर प्रयागराज मंडल के प्रतापगढ़ जिले ने सर्वाधिक लाभार्थियों का नाम दर्ज कर प्रदेश के टॉप टेन जिलों में पहला स्थान हासिल किया है। प्रतापगढ़ में 2925 लाभार्थियों के नाम दर्ज किए गए हैं। इस पखवारे के दौरान पूरे प्रदेश में जनजागरूकता पर भी पूरा ध्यान दिया गया। इसके जरिये गर्भधारण से लेकर प्रसव के दौरान तक बरती जाने वाली सावधानियों आदि के बारे में भी बताया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहले बच्चे के जन्म के दौरान मिलने वाले पाँच हजार रुपए के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

“सुपोषित जननी, विकसित धारिणी” पखवारे के दौरान लाभार्थियों के सबसे अधिक नाम दर्ज करने के मामले में प्रदेश के टॉप टेन जिलों में प्रतापगढ़ के बाद बहराइच, हरदोई, लखनऊ, आजमगढ़, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, खीरी और गोरखपुर शामिल हैं। बहराइच में 2836, हरदोई में 2683, लखनऊ में 2573, आजमगढ़ में 2407, बाराबंकी में 2224, सिद्धार्थनगर में 2218, ललितपुर में 2136, खीरी में 1862 और गोरखपुर में 1796 लाभार्थियों के नाम पखवारे के दौरान दर्ज किए गए।
लखनऊ के जिला समुदाय कार्यक्रम प्रबन्धक (डीसीपीएम) विष्णु प्रताप ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपए दिये जाते हैं। गर्भवती के समुचित पोषण और सेहत के प्रति खास ख्याल रखने के लिए यह योजना जनवरी 2017 में शुरू की गयी थी। इसके तहत पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को पहली किश्त के रूप में एक हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। दूसरी किश्त में दो हजार रुपए गर्भवती के प्रसव पूर्व जांच कराने के बाद दिये जाते हैं जबकि तीसरी किश्त के रूप में दो हजार रुपए बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दिये जाते हैं। इस तरह पहली बार गर्भधारण करने वाली महिला को अपनी भली-भांति देखभाल करने के लिए पांच हजार रुपए सीधे उसके बैंक खाते में डाल दिये जाते हैं। इस योजना के बारे में व्यापक रूप से जनजागरूकता के लिए ही यह पखवारा आयोजित किया गया था। इसमें आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही।
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