लखनऊ में ईद पर हुई झमाझम बारिश, आकाश में अभी भी घुमड़ रहे काले बादल ओलावृष्टि से फूलों को भी हुआ नुकसान :- दशहरी आम के शौकीन को जून माह का इंतजार रहता है कि बस दशहरी आने वाले हैं। पर बुधवार, गुरुवार फिर शुक्रवार को आई आंधी-पानी और ओलावृष्टि से आम की फसल प्रभावित होने से आम किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। आम में गुठली न पड़ने से गिरे आम की कीमत भी न के बराबर है। उप कृषि निदेशक डाॅ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि माल व मलिहाबाद के बागवानों से बात की गई तो 15 से 20 फीसद आम के नुकसान का अनुमान है। ओलावृष्टि से फूलों को भी नुकसान हुआ है।
आम बागवानों को घबराने की जरूरत नहीं :- जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि, बागों में पानी भरने से रोग की संभावना कम हो गई है। नुकसान हवा व ओलावृष्टि से हुआ है। ऐसे में बागवानों को घबराने की जरूरत नहीं है।
भारत में दुनिया का 45 फीसद आम :- नेशनल मैंगो डेटाबेस के मुताबिक दुनिया का 45 फीसद आम भारत में होता है। हर वर्ष करीब 50 हजार टन आम दुबई, यूएई, ओमन, चीन, यूरोपियन यूनियन, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और नीदरलैंड जाता है। छह हजार मीट्रिक टन केवल यूएई, दुबई, ओमन, अमेरिका जाता है।
कई देशों के आर्डर हैं :- यूपी के आमों की सबसे ज्यादा मांग यूरोपीय देशों और दुबई, यूएई, बहरीन में है। उप्र मैंगो एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम सिद्दिकी ने बताया, पिछले साल प्रदेश के आम निर्यातकों के पास मध्य पूर्व के देशों से 800 टन का आर्डर था। इस बार भी हमारे तमाम देशों के आर्डर हैं।