पूजन के दौरान पण्डाल बप्पा के जयकारों से गूंज रहा था। उसके बाद शाम को भजनों का सिलसिला शुरु हुआ। सिद्धू महाराज की प्रस्तुति में बच्चों के कई सांकृतिक कार्यक्रम हुये। अगले क्रम में कोलकाता के संजय शर्मा के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत गणेश स्तुति से हुई। उसके बाद एक नृत्य नाटिका कृष्ण राधा के विरह को मंच पर साकार किया गया। पंढरपुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध विठ्ल नाथ मन्दिर जो भगवान विष्णु स्वरुप में है। नृत्य नाटिका में दिखाया एक भक्त पुण्डरिक था जो अपने माता पिता का परम भक्त था। एक बार वह अपने माता पिता की सेवा कर रहा था उसी दौरान भगवान कृष्ण उसके पास आये तब भी वह भक्त माता पिता की सेवा में लगा रहा और भगवान को भी नजरअंदाज कर दिया।
जब माता पिता सो गये तब वह भगवान श्रीकृष्ण से मिला। भगवान उसकी ऐसी भक्ति से बहुत प्रसन्न हुये और कहा कि वरदान मांगो तो उसने कहा कि जैसे आज आप हमारी प्रतीक्षा कर रहे है वैसे ही आपको हमेशा भक्तों की प्रतीक्षा करनी है। तबसे
मदिर में आज भी भगवान कमर पर हाथ रखे भक्तों का इंतजार कर रहे है। ऐसी मूर्ति स्थापित है।
इस प्रस्तुति के दौरान संजय शर्मा ने एक भजन ‘अमृत जैसा नाम तेरा मैं लेहूं तो जनम सुधर जाये’ सुनाया। उसके बाद एक भजन ‘थोडी थोडी भक्ति थोड़ा थोड़ा प्यार कर लो हो जायेगा बेड़ा पार’ सुनाया तो मंत्रमुग्ध हो गये।
बाद में बप्पा को सवामनी का भोग चढ़ाया गया तो संजय शर्मा ने एक भजन ‘कर लो सवामनी बप्पा की किस्मत खुल जायेगी’ सुनाया तो पण्डाल मौजूद सभी लोग झूम झूमकर नाचने लगे।
झूलेलाल वाटिका में चल रहे गणेशोत्सव का चौथा दिन
लगेगा बप्पा को छप्पन भोग