लखनऊ

लखनऊ के इस थाने में रुकने से डरता है हर थानेदार, जानें किस का डर सता रहा…

यहां थानेदार काम से नहीं दबाव से डरता है।

लखनऊJan 09, 2018 / 03:34 pm

Dhirendra Singh

Gomti Nagar Police Station

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नई सरकार वीवीआईपी कल्चर को खत्म करनेे और राजनीतिक दबाव से मुक्त पुलिस कार्यप्रणाली का दावा करती आ रही है। लेकिन वास्तविकता इससे काफी अगल है। यूपी की राजधानी में ही लखनऊ पुलिस के लिए गोमतीनगर थाना इतना बड़ा सिरदर्द माना जाता है कि कोई भी थानेदार यहां रुकने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। यूपी में योगी सरकार आने के बाद भी गोमतीनगर जैसे वीवीआईपी क्षेत्र के थाने में थानेदार की कुर्सी लंबे समय तक कोई नहीं संभाल सकता। दबाव इस कदर हावी हुआ कि पिछले थानेदार आंनद प्रकाश शुक्ला को छोड़कर सभी ने करीब 30 दिन में ही थाना छोड़ ट्रांसफर लेना बेहतर समझा। वहीं आखिर में शुक्ला ने भी निजी कारण बताते हुए खुद ही थाना छो़ड़ना बेहतर विकल्प समझा।

एक महीने भी नहीं टिक रहें थानेदार
गोमती नगर थाने से जानकीपुरम ट्रांसफर किए गए थानेदार आंनद प्रकाश शुक्ला करीब चार महीने ही इस थाने को संभाल पाए। आखिरकार उन्होंने स्वास्थ्य व अन्य निजी कारणों से गोमती नगर थाने को प्रणाम कर दिया। यहीं नहीं इनसे पहले साल भर के अंदर चार थानेदार एक महीना भी गोमती नगर थाने में नहीं काट सके। इसमें पूर्व थानेदार मनोज कुमार मिश्रा, विजय मल यादव, अजय प्रकाश त्रिपाठी, सुजीत कुमार दुबे का नाम शामिल है, जिन्होंने एक महीने के अंदर कार्यभार छोड़ दिया। वहीं पूर्व थानेदार राज कुमार सिंह और विश्वजीत सिंह एक महीने कुछ दिन गोमती नगर थाने की जिम्मेदारी संभाल पाए थे। पूर्व में आईपीएस अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर से जुड़े केस के कारण ही पूर्व थानेदार मनोज कुमार मिश्रा ने खुद चार्ज छोड़ दिया था। लगभग ज्यादातर मामलों में ऐसी स्थितियां ही कारण बनी। बता दें कि लखनऊ जिले के 42 थानों में गोमती नगर पुलिस स्टेशन को पोस्टिंग के लिहाज से अस्थिर माना जाता है।

वीवीआईपी दबाव में जीते हैं थानेदार
एक पुलिस अधिकारी की माने तो गोमतीनगर थाने में राजधानी के सबसे मुख्य थाने में गिने जाने वाले हजरतगंज थाने से भी ज्यादा दबाव है। मुख्यमंत्री आवास से लेकर कार्यालय तक हजरतगंज थाना क्षेत्र में आता है, लेकिन थानेदार गोमतीनगर थाना जाने से बचते हैं। क्योंकि यहां 500 से भी ज्यादा आईएएस अधिकारी, करीब इतने ही सेवा और सेवानिवृत्त आईपीएस भी रहते हैं। वहीं पृष्ठभूमि से किसी न किसी तरह से जुड़े लोगों का आवास भी इसी क्षेत्र में पड़ता है। वहीं शासन व प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का आशियाना इस क्षेत्र में प्राथमिकता है। ऐसे में ज्यादातर मामले वीवीआईपी व वीआईपी से जुड़े आते है, जिससे लगातार थानेदार पर अनावश्यक दबाव बनता है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
एसएसपी दीपक कुमार ने इस संबंध में कहा कि गोमती नगर थाना चुनौतिपूर्ण है। हालांकि तत्कालीन थानेदार आंनद प्रकाश शुक्ला ने अन्य से ज्यादा समय बिताया। उन्होंने निजी कारणों से ट्रांसफर करने का आग्रह किया। वहीं अब नए थानेदार पीके झा से उम्मीद है कि वह अपनी लंबे समय तक अहम जिम्मेदारी निभाएंगे।

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