उन्होंने कहा कि लखनऊ प्रदेश की राजधानी है और यहाँ पर सम्बंधित विभाग के कार्यालय होने के कारण मामले का जल्द निस्तारणहो सकता है । लखनऊ राजधानी में सारे संसाधन मौजूद हैं और लोगों को लखनऊ में आने जाने की पूरी सुविधा भी है जबकि इलाहाबाद बहुत दूर है, जिस कारण प्रदेश के वादकारियों को बहुत ही असुविधा का सामना करना पड़ता है।
अधिवक्ताओं ने बड़ी संख्या में हाईकोर्ट के गेट 6 से गेट 1 तक प्रदर्शन किया और नारेबाज़ी की। राकेश चौधरी ने बताया कि यह संघर्ष माँगे पूरी होने तक चलता रहेगा। क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कानपुर, मुरादाबाद और बरेली मंडल को लखनऊ उच्च न्यायालय में शामिल करने की मांग की है।