लखनऊ. सोमवार को लखनऊ नगर निगम ने जेल में बंद सपा नेता आजम खां की बहन निकहत अफलाक का राजधानी के रिवर बैंक कॉलोनी स्थित बंगला (भवन संख्या ए2/1) सील कर दिया। सीलिंग की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बंगले का ताला खुलवाया जाएगा और जो भी सामान होगा उसकी नीलामी कराई जाएगी। सोमवार सुबह नगर निगम की टीम रिवर बैंक कालोनी पहुंची। साथ में अपर नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी भी थीं। भवन का मुख्य गेट बंद था। करीब आधे घंटे तक गेट खटखटाया गया, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो ताला तोड़कर टीम अंदर पहुंची। अंदर के सभी कमरों में ताला लटक रहा था। इसके बाद नगर निगम ने भी सभी दरवाजों पर अपना एक-एक ताला लगा दिया। बंगले के पीछे वाला गेट खुला मिला। कहा जा रहा है कि कुछ लोग बंगले के अंदर मौजूद थे जो नगर निगम के आने के बाद पीछे के गेट से बाहर निकल गए होंगे।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि वर्ष 2007 में नियमों को ताक पर रखकर निकहत अफलाक को बंगले का आवंटन किया गया था। उस समय वह रामपुर में अध्यापक के पद से रिटायर हुई थीं। जांच में आवंटन गलत मिलने पर मकान खाली करने की नोटिस दी गई थी। उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बंगले का ताला खुलवाया जाएगा और जो भी सामान होगा उसकी नीलामी कराई जाएगी। भवन का किराया प्रति माह एक हजार रुपए निर्धारित था। हालांकि, आजम की बहन ने नोटिस को साक्ष्य विहीन बताते हुए जवाब दिया था। वहीं, नगर निगम ने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि वह न तो लखनऊ की निवासी हैं और न ही नगर निमम की कर्मचारी हैं।
वर्ष 2007 में आवंटित हुआ था बंगला
वर्ष 2007 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में यह बंगला उन्हें आवंटित किया गया था। रामपुर निवासी एक व्यक्ति की शिकायत के बाद पाया गया कि नियमों को ताक पर रखकर उन्हें बंगला आवंटित किया गया था, जिसके बाद नगर निगम उन्हें मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था।
वर्ष 2007 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में यह बंगला उन्हें आवंटित किया गया था। रामपुर निवासी एक व्यक्ति की शिकायत के बाद पाया गया कि नियमों को ताक पर रखकर उन्हें बंगला आवंटित किया गया था, जिसके बाद नगर निगम उन्हें मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था।