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अगर ये लक्षण हैं तो ब्रेन स्ट्रोक आने वाला है, तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें, जान बचाने के लिए सिर्फ छह घंटे हैं

locationलखनऊPublished: Oct 29, 2020 04:07:26 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

-ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का बढ़ जाता है खतरा -ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा गोल्डन पीरिएड -और अगर छह घंटे के अंदर मिल जाए इलाज तो बच सकती है जान

अगर ये लक्षण हैं तो ब्रेन स्ट्रोक आने वाला है, तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें, जान बचने के लिए सिर्फ छह घंटे हैं

अगर ये लक्षण हैं तो ब्रेन स्ट्रोक आने वाला है, तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें, जान बचने के लिए सिर्फ छह घंटे हैं

लखनऊ. पूरे यूपी में 29 अक्टूबर को वर्ल्ड ब्रेन स्ट्रोक डे के अवसर पर कई जगह जनता को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम हो रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक एक खतरनाक बीमारी है। अगर किसी को ब्रेन स्ट्रोक आया है तो उसके परिजनों को शीघ्र ही डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। क्योंकि छह घंटें के अंदर अगर पीड़ित मरीज को प्राथमिक चिकित्सा मिल गई तो उसकी जान बच सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही गोल्डन पीरिएड माना जाता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान के अनुसार देश में हर तीन मिनट में कोई न कोई व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक से दम तोड़ देता है। केजीएमयू लखनऊ के ट्रामा सेंटर में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए 5 बेड रिजर्व रहते हैं। ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण :- ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं। ब्रेन स्ट्रोक में चेहरा अचानक टेढ़ा होने लगता है, बोलने में दिक्कत महसूस होती है, दिमागी रूप से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है, एक पैर और एक हाथ में ताकत नहीं महसूस होती है तो तत्काल डाक्टर से सलाह लें। यह ब्रेन स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। कई बार उल्टी की भी संभावना बनती है।
पहला घंटा ही गोल्डन पीरिएड :- लोहिया संस्थान लखनऊ डॉ कुलदीप यादव ने बताया कि, मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की आपूर्ति बाधित होने स्ट्रोक आता है। लकवा जैसी स्थिति हो जाती है। बोलने में दिक्कत और मुंह में लार निकलने लगती है। तत्काल इलाज न मिलने पर अंग काम करना बंद कर देता है। पहला घंटा ही गोल्डन पीरिएड होता है। इसके बावजूद छह घंटे में अगर इलाज मिल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। ब्रेन स्ट्रोक में 13 फीसद मामले ब्लड प्रेशर और 90 फ़ीसदी मामलों में ब्रेन में अवरोध होता है।
ब्रेन स्ट्रोक के दो प्रकार :- ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं। पहला सिस्मिक स्ट्रोक होता है इसमें दिमाग की नसों में रक्तप्रवाह किसी अवरोध के कारण रुक जाता है। दिमाग की नली में खून का थक्का जम जाने से भी ब्रेन हेमरेज हो जाता है। जबकि दूसरा प्रकार हेमरेजिक स्ट्रोक होता है। इसमें दिमाग की नस से रक्तस्राव होने लगता है। इसमें मरीज को लकवा मार जाता है। कई दफे मरीज की मौत भी हो जाती है।
तत्काल सीटी स्कैन कराएं :- केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग डॉक्टर आरके गर्ग ने बताया कि, ब्रेन स्ट्रोक के कई कारण होते हैं। इसमें डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल, हाईवीपी शामिल है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही तत्काल सीटी स्कैन कराएं। रिफाइंड, चीनी, नमक, फ्राइड फूड खाने वाले लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है।
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