यूपी में कुंडली ज्योतिष पर अधिक भरोसा ज्योतिषीय गणना कई प्रकार से होती हैं। यूपी के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिकतर कुंडली ज्योतिष पर भरोसा अधिक है। फिर नक्षत्र ज्योतिष, हस्तरेखा ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष, लाल किताब की विद्या, सामुद्रिक विद्या, नंदी नाड़ी ज्योतिष, अंगूठा शास्त्र, अंक ज्योतिष और टैरो कार्ड से लोग अपने मन की बात इन विधाओं के ज्ञाताओं से जानते हैं। इनके अध्ययन के लिए बाकायदा शिक्षा ग्रहण की जाती है। बीए, एमए के साथ-साथ तमाम विश्वविद्यालयों में शोध भी कराए जाते हैं। लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाले ज्योतिषाचार्य अजय श्रीवास्तव का मानना है कि, ज्योतिष के लिए पढ़ाई उतनी ही जरूरी है जैसे डॉक्टरी की पढ़ाई। पढ़ाई के बाद कई वर्षों तक कुंडलियों का अध्ययन किया जाता है। फिर कोई खुद को ज्योतिष का जानकार कह सकता है।
ज्योतिष से पूछकर दी जा रही है नौकरी भविष्य वाचने की इंडस्ट्री जिस तेजी के साथ बढ़ रही हर कोई अचम्भित है। जन्म लेने के साथ ही माता पिता बच्चे की कुंडली बनवाते हैं और ज्योतिषाचार्य से उसके भविष्य का राज जानना चाहते हैं। जिसके लिए वह कोई भी कीमत अदा कर सकते हैं। ज्योतिषाचार्य के पास जाने वालों में सभी तरह के लोग आते हैं। महिलाएं-पुरूष जिनका सवाल मैरिज ट्रबल्स पर रहता है। फिर युवा होते हैं जो अपने कैरियर और प्रेम के ईदगिर्द सवाल करते हैं। कुछ ऐसे भी है जो अपने स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कतों को दूर करने बारे में उपाय जानना चाहते हैं। पर अब एक नया ट्रेंड भी चल निकाला है। अब कॉर्पोरेट कंपनियां भी ज्योतिषों की मदद ले रही हैं। और नौकरी देने से पहले पूछती है कि यह बंदा कम्पनी के लिए कितना हितकरी होगा। इससे कॉर्पोरेट एस्ट्रोलॉजी के नाम से पुकारा जाता है। इसमें फीस भी अच्छी मिलती है।
सिर्फ मन का सुकून मिलता है: ज्योतिषाचार्य अजय श्रीवास्तव लखनऊ के ज्योतिषाचार्य अजय श्रीवास्तव कहते है, लोग कुंडली से लेकर टैरो कार्ड रीडिंग से सिर्फ मन का सुकून खोज रहे हैं। अपनी तकदीर की तस्वीर इंसान पहले से ही देख लेना चाहता है। यही वजह है कि इंसान जन्मकुंडली, हस्तरेखा, टैरो कार्ड रीडर, अंक गणित शास्त्रियों, नाड़ी ज्योतिषियों के पास जाता है। पर जानकार के पास ही जाएं।
ठगों से बचाने के लिए ज्योतिष की ओपीडी वर्तमान युग में ज्योतिष व कर्मकांड के प्रति लोगों का विश्वास और बढ़ा है। पर तमाम जगह ज्योतिष के नाम पर ठगी भी हो रही है। इसे रोकने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय बनारस ने ज्योतिष की ओपीडी शुरू कर दी है। ज्योतिष विभाग अध्यक्ष प्रो. अमित शुक्ला ने बताया कि कुंडली दिखाने के लिए 200 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके बाद तीन फलादेश की जानकारी हासिल कर सकता है।