किस शहर में कहां का ठिकाना :- इकोनामिक सर्वे 2017 की रिपोर्ट पर यकीन करें तो पता चलता है कि कमाई के लिए मुंबई जाने वाले लोगों में सर्वाधिक गोरखपुर और लखनऊ के होते हैं। इसी तरह सेंट्रल दिल्ली में झांसी और लखनऊ लोग पहुंचते हैं। नार्थ दिल्ली आजमगढ़,शाहजहांपुर और बरेली के लोगों का ठिकाना है। जबकि चंडीगढ़ में मुरादाबाद से सर्वाधिक लोग पहुंचते हैं। जाहिर है कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की सूचना और लॉक डाउन की घोषणा के बाद इन्हीं जगहों से कैजुअल लेबर यानी दिहाड़ी मजदूर सबसे ज्यादा अपने घरों को लौटे होंगे।
इन 10 जिलों में सर्वाधिक पलायन :- यूं तो यूपी की 20 से 30 प्रतिशत आबादी रोजी-रोटी की तलाश में यूपी के बाहर बड़े शहरों में पहुंचती है। लेकिन, आजमगढ़, बस्ती, गोंडा, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, देवरिया और गोरखपुर ऐसे जिले हैं जिनके हर गांव का कम से कम एक सदस्य मुबंई, कलकत्ता, दिल्ली, सूरत, लुधियाना और चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में रहता है। इनमें से अधिकांश ने अपना मकान भी बड़े शहरों में बना लिया है। लेकिन हर साल अपने परिचितों के सहारे हजारों लोग इन जिलों ने घर से बाहर जाते हैं। इनमें से 50 प्रतिशत दिहाड़ी मजदूर ही होते हैं। लॉकडाउन में सबसे ज्यादा घर लौटने वाले दिहाड़ी मजदूरों और मजबूरों में इन्हीं जिलों के लोग शामिल थे। जो हजार किमी तक पैदल ही चल पड़े थे।
वर्ष 1918 की महामारी में मरे थे 18 करोड़ :- 1918 में यूपी में इन्फ्लूएंजा वायरस विदेश गए उन लोगों से ही फैला जो इस महामारी में लौटकर घर आए थे। उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़ी तादात में लोग बतौर सैनिक प्रथम विश्व युद्ध में भाग लेने के लिए यूरोप गए थे। जब यह महामारी फैली तब तमाम सैनिक पानी के जहाजों से मुंबई और मद्रास के बंदरगाहों पर उतरे। यहां से अपने घरों को पहुंचे। तब यह अपने साथ इन्फ्लूएंजा वायरस को भी लाए। उस समय इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से करीब 18 करोड़ की मौत हुई थी।
भारत में पलायन की दर बहुत ज्यादा :- भारत में देश के भीतर ग्रामीण मजदूरों की पलायन दर बहुत ज्यादा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, 45.36 करोड़ लोगों ने बेहतर अवसर की तलाश में अपने घर-गांव को छोडकऱ बड़े शहरों का रुख किया था। यानी कुल आबादी का 37 फीसद हिस्सा घर से बाहर था। इनमें 30 प्रतिशत के करीब सीजनल लेबर यानी रोज कमाने खाने वाले लोग और 30 प्रतिशत स्थायी मजदूर और वर्कर शामिल थे। कुछ काम के लिए रोजाना शहर से गांव जाते हैं। इनमें से जो अपने घरों को लौटे हैं वे अपने क्षेत्र को संक्रमित कर सकते हैं।