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लॉकडाउन इफेक्ट : वर्क टू होम से इंटरनेट सेवा पर बढ़ा जबरदस्त लोड़

locationलखनऊPublished: Apr 03, 2020 02:20:57 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

मोबाइल डेटा की प्रतिदिन खपत 143 टेराबाइट से बढ़कर 170 टेराबाइट तक पहुंची बीएसएनएल ने लॉकडाउन में करीब 400 ब्रॉडबैंड के नए कनेक्शन दिए

लॉकडाउन इफेक्ट : वर्क टू होम से इंटरनेट सेवा पर बढ़ा जबरदस्त लोड़

लॉकडाउन इफेक्ट : वर्क टू होम से इंटरनेट सेवा पर बढ़ा जबरदस्त लोड़

लखनऊ. कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए उत्तर प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है। लॉकडाउन होने के बाद इंटरनेट सेवा पर जबरदस्त दबाव बढ़ गया है। वर्क टू होम होने की वजह से तमाम निजी व सरकारी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। सभी स्कूलों ने छ़ात्र पढ़ाई में न पिछड़े इसलिए आनलाइन पढाई शुरू कर दी है। इस पर घर की महिलाएं मोबाइल फोन से अब खूब बतिया रही हैं और ढेर सारी फिल्म व सीरियल इंटरनेट के जरिए देख रही हैं। ये सभी कारण है जिस वजह से मोबाइल डेटा की प्रतिदिन की खपत 143 टेराबाइट से बढ़कर 170 टेराबाइट तक पहुंच गई है।
बीएसएनएल के यूपी ईस्ट सर्किल में थ्रीजी मोबाइल डेटा की हर दिन की खप्त 143 टीबी से बढ़कर 170 टीबी हो गई है। वहीं फोर जी की खपत 13 टीबी से बढ़कर 18 टीबी हो गई है। लॉकडाउन में डेटा के मुकाबले वायस कॉल की संख्या में कमी आई है। यह 9.46 लाख रोजाना से घटकर वर्तमान में 9 लाख हो गई है। मोबाइल डेटा की अधिक खपत की वजह से ही अब लोगों को बेसिक फोन की ब्राडबैंड इंटरनेट सेवा फिर से रुझाने लगा है। बीएसएनएल के पूर्वी सर्किल के जीएम मार्केंटिंग ने बताया कि लॉकडाउन में चार सौ नए कनेक्शन नए इश्यू किए गए हैं। साथ ही कई काटे गए कनेक्शनों के फिर से जोड़ देने की एप्लीकेशन आई है।
निजी कम्पनियों और सरकारी कर्मचारियों को सभी को कोराना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में घर पर रह कर काम करना पड़ रहा है। जिस वजह से सब का काम मोबाइल डेटा सेवा से ही चल रहा है। सामान्य दिनों में प्रति व्यक्ति अधिकतम खपत 11 से 12 जीबी थी, वह लॉकडाउन के समय 15-16 जीबी हो गया हैं। इसी में बच्चों की इंटरनेट क्लासें शुरू हो गईं। वो भी लगातार पांच-छह घंटें। जिस वजह से खपत का बढ़ना तया है।
अब घरों पर रहने वाले लोग सोशल मीडिया की जगह परिवारीजन और रिश्तेदारों से सीधे मोबाइल फोन पर संपर्क कर रहे हैं। दूरसंचार विभाग की मानें तो अपनी बातों का 40 से 50 सेकेंड में पूरी करने वाले लोग सात से आठ मिनट तक अब बात कर रहे हैं। यह समय सुबह 11 से दोपहर दो और शाम पांच से सात बजे तक का है। लॉकडाउन में महिलाएं हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी लॉकडाउन में कोई यूट्यूब पर गाने देख रहा है तो कोई वेब सीरीज या कोई सीरियल। एक जीबी डाटा प्रतिदिन इस्तेमाल करने में 30 मिनट की मूवी और करीब 100 गानों को देखा जा सकता है। इस कारण प्रतिदिन ही एक जीबी से अधिक डाटा इस्तेमाल किया जा रहा है।
इंटरनेट की स्पीड धीमी :- मोबाइल डाटा स्पीड पर बोझ पड़ने से इंटरनेट की स्पीड भी धीमी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अधिसंख्य लोग इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि उनको घर से ही काम करना पड़ेगा। ऐसे में जब लॉकडाउन हुआ तो मोबाइल हॉटस्पॉट से लैपटॉप को जोड़ा और काम शुरू किया। डेस्कटॉप को ज्यादा डेटा की जरूरत होती है।
लॉकडाउन इफेक्ट : वर्क टू होम से इंटरनेट सेवा पर बढ़ा जबरदस्त लोड़
सात दिन में दिए 400 कनेक्शन :- बीएसएनएल ने 22 से 28 मार्च के बीच यूपी ईस्ट में 400 से अधिक ब्रॉडबैंड के नए कनेक्शन दिए हैं। इसी तरह लखनऊ में रोजाना 30 से 35 नए कनेक्शन हो रहे हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों और स्थानीय ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के पास भी बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार ब्रॉडबैंड शुरुआती प्लान में भी 10 एमबीपीएस की स्पीड मिलती है।
उपभोक्ताओं के लिए दिल खोला :- लॉकडाउन में दूरसंचार कंपनियों ने भी उपभोक्ताओं के लिए दिल खोल दिया है। बीएसएनएल के अलावा तमाम निजी कंपनियों ने भी ग्राहकों की वैधता अवधि बढ़ाते हुए अतिरिक्त टॉक टाइम और डाटा की सौगात दी है। इसके अलावा कंपनियां डाटा खपत के अनुसार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे रही हैं।

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