मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की समीक्षा जिलाधिकारियों व कृषि विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देशगठित टीमें टिड्डियों की गतिविधियों पर रख रहीं निगरानी सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश तुरंत कर रहीं हैं जारीटिड्डियों के आक्रमण पर एकसाथ ढोल, नगाड़े, टीन के डिब्बे, थालियां बजाएं
लॉकडाउन में शादी-ब्याह में तो डीजे बजा नहीं अब यूपी सरकार कह रही है खेत में डीजे बजा दो किसान बाबू
लखनऊ. लॉकडाउन के साठ दिन बीत गए पर शादी-ब्याह में डीजे बजा ही नहीं, पर यूपी सरकार अब कह रही है कि खेत में ही डीजे बजा दो बाबू। टिड्डियों को खेत से भगाने का उत्तर प्रदेश सरकार ने यह गूढ़ मंत्र बताया है। जिसमें कहा गया है कि टिड्डियों के आक्रमण करने पर एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़े, टीन के डिब्बे, थालियां आदि को बजाते हुए शोर मचाएं। साथ ही डीजे पर तेज आवाज में डीजे वाले बाबू जरा गाना बाजा जैसे गीत के संग हल्ला मचाएं। यह शोर टिड्डियों को खेतों से भगाने के लिए एक बड़ा हथियार साबित होगा।
उत्तर प्रदेश में टिड्डियों का हमला हो गया है। इस हमले को देखते हुए यूपी सरकार ने टिड्डियों से निपटने और उनके खात्मा करने के लिए रणनीति बना ली है। जिलों के डीएम और कृषि अफसरों को अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा एवं कानपुर देहात आदि जनपदों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी और कृषि मंत्री ने आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की व्यवस्था केे अनुसार जिलाधिकारियों को कोषागार नियम-27 के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था के लिए धनराशि व्यय करने के भी निर्देश दिये हैं।
लखनऊ में प्रवेश करने की आशंका :- टिड्डियों का झुंड आगरा और हमीरपुर के करीब आ पहुंचा है।। बुधवार देर शाम तक हमीरपुर के बेतवा नदी के तट पर हरियाली के चलते इनके रुकने की आशंका को देखते हुए हमीरपुर में हाई अलर्ट घोषित किया गया था। हमीरपुर से कानपुर देहात और फिर उन्नाव के रास्ते इनके लखनऊ में प्रवेश करने की आशंका के चलते सभी को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
नियंत्रण कक्ष और टीम का गठन :- प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए नियंत्रण कक्ष और टीमों का गठन किया जा चुका है। यह टीमें टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण, उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखकर सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश जारी कर रहीं हैं। जिला मुख्यालयों पर इस के लिए नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स, नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा चुके हैं। टिड्डी के प्रकोप, उससे बचाव, सावधानियों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करा दिया गया है। साथ ही इसे किसानों एवं जनसामान्य को भी उपलब्ध कराया गया है।
किसानों तक सूचना शीघ्र पहुंचाएं :- सरकार ने टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना किसानों को तुरंत मिले इसके लिए कमर कस ली है। ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों, ग्राम पंचायत अधिकारियों सहित समस्त क्षेत्रीय कार्मिकों तथा सोशल मीडिया के माध्यम इन सूचनाओं को किसानों तक पहुंचाया जाएगा।
ढोल, नगाड़े और थालियां बजाएं :- इसके अलावा सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि टिड्डियों के आक्रमण करने की स्थिति में एकसंग मिलकर ढोल, नगाड़े, टीन के डिब्बे, थालियां और डीजे आदि खेतों मे जाकर तेज आवाज में बजाएं। इस तेज आवाज को सुनकर टिड्डी दल परेशान होगा और वहां से फुर्र हो जाएगा।
कृषि विभाग के जनपदीय अधिकारियों को लोकस्ट वार्निंग आर्गनाइजेशन की तकनीकी टीम और क्षेत्रीय निवासियों/कृषकों से निरन्तर समन्वय बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। कृषि विश्वविद्यालय और केन्द्रीय एकीकृत नाशिजीव प्रबन्धन केन्द्रों लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा का भी सहयोग लेने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सोनभद्र पहुंचा एक टिड्डी दल :- उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक सौराज सिंह का कहना है कि टिड्डियों का मध्य प्रदेश की ओर अधिक जोर होने के बावजूद सीमावर्ती जिलों में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। झांसी से भगाए गए टिड्डी दल के जालौन व हमीरपुर की ओर बढ़ने की आशंका है। इसलिए दोनों जिलों में हाई अलर्ट किया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सोनभद्र की ओर भी एक टिड्डी दल पहुंचा है जिसे देखते हुए चंदौली व मीरजापुर में भी सतर्क रहने को कहा गया है।
रासायनिक दवाओं का करें छिडक़ाव :- कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही का कहना है कि बदली हवाओं से उत्तर प्रदेश में टिड्डी दलों का प्रवेश अभी कम हो सका है। टिड्डियां आगे नुकसान न करने पाएं, इसलिए उनको भगाने के बजाए रासायनिक दवाओं का छिडक़ाव कर उन्हें नष्ट किया जाए। झांसी में 40 प्रतिशत टिड्डियों को नष्ट करने में कामयाबी भी मिली है।
पर खतरा टला नहीं :- उप कृषि निदेशक व टिड्डी रोकथाम के नोडल अधिकारी डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि हवा के रुख में कुछ बदलाव हो रहा है, पर खतरा टला नहीं है। प्रयास है उन्हें पहले हमीरपुर और फिर कानपुर देहात में ही रोक दिया जाए। टिड्डियों का दूसरा दल आगरा से दूर होने के चलते ललितपुर में दाखिल होने की आशंका लगभग समाप्त होती दिख रही है।