लखनऊ

लॉकडाउन इफेक्ट : नहीं मिलेगा पंड़ित, रामनवमी-महानवमी पर खुद करें हवन, जानिए आसान तरीका

लॉकडाउन इफेक्ट : नहीं मिलेगा पंड़ित, रामनवमी-महानवमी पर खुद करें हवन, जानिए आसान तरीका

लखनऊApr 02, 2020 / 06:34 am

Mahendra Pratap

लखनऊ. नवरात्र व्रत का आज नौवां दिन है। आज ही अप्रैल की 2 तारीख है। रामनवमी भी आज है। गुरुवार को ठीक 12 बजे भगवान राम का जन्म होगा। नवरात्र के नौ दिन व्रत रखने वालों को नवमी पर हवन करना और कन्‍या पूजन करना अनिवार्य है। कोरोना वायरस की वजह से 14 अप्रैल तक लगे लॉकडानउन की वजह से पंडित और पुरोहित का घर आकर हवन करना मुश्किल है। तब हवन खुद ही करना होगा। मुश्किल नहीं प्रयास कीजिए ….
लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाले ज्योतिषचार्य और पंडित अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि हवन करना बहुत मुश्किल नहीं है। पर इस मुश्किल समय में अब अपने आप ही आपको हवन करना पड़ेगा। बहुत ही सरल अदांज में हवन का तरीका है। ध्यान दीजिए…
हवन सामग्री :- आम की लकड़ी और आम का पल्‍लव। पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्‍वगंधा ब्रह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्‍गल, लोबार, इलाइची, शक्‍कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, सूखा नारियल और गोला और जौ।
श्रीवास्तव बताते हैं कि यह किसी भी किराने की दुकान पर मिल जाएगा। कुछ आवश्यक वस्तुओं की दुकानें लाकडाउन में सरकार की आज्ञा से खुली हैं।

श्रीवास्तव आगे बताते हैं कि स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें। अगर विवाहित हैं तो पति और पत्‍नी साथ हवन करें नहीं तो कोई बात नहीं। उपर लिखी सभी वस्‍तुओं को शहद और घी के साथ मिलाकर हवन सामग्री बना लें।
सबसे पहले हवन कुंड एक साफ स्‍थान पर स्‍थापित करें। इसके बाद आम की लकड़ी और कर्पूर से हवन कुंड में अग्नि को प्रज्‍जवलित करें। इसके बाद बाद घी से ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र से माता के नाम से आहुति दें फिर सभी देवी-देवताओं से नाम से 3 या 5 बार आहुति दें। इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन करें।
ज्योतिषचार्य और पंडित अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि हवन पूरा होने के बाद मां की कपूर और घी के दीपक से आरती करें। उसके बाद मां को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं। फिर कन्‍या भोज करा सकते हैं। पर इस बार कन्‍या भोज संभव नहीं होगा, इसलिए अगर घर में कन्‍या है तो पूज सकते हैं।
पंडित अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि अगर कन्‍या नहीं है तो घर के मंदिर में पूजा करके उन्‍हें विभिन्‍न प्रकार के भोग लगाएं और माता को भेंट सामग्री अर्पित करें। कन्‍याओं के नाम से कुछ धनराशि निकालकर मंदिर में रख सकते हैं, स्थिति सामान्‍य होने पर इन कन्‍याओं को इस धन राशि से उपहार लाकर दे सकते हैं।
ठीक 12 बजे रामलला का जन्म होगा, रामचरितमानस में लिखी भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौसल्या हितकारी, हरषित महतारी, मुनि मनहारी अद्भुत रूप बिचारी का गान करें। सारें दुख कट जाएंगे।

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