scriptअयोध्या के बाद मथुरा और काशी, जिसने कहा उसका नाम जानकर चौंक जाएंगे | Lucknow Mahant Nritya Gopal Das Ayodhya Ram temple after Mathura Kashi | Patrika News

अयोध्या के बाद मथुरा और काशी, जिसने कहा उसका नाम जानकर चौंक जाएंगे

locationलखनऊPublished: Aug 12, 2020 05:08:57 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

-काशी-मथुरा नहीं, ट्रस्ट का पूरा फोकस सिर्फ मंदिर पर-राम मंदिर निर्माण की तकनीक पर ट्रस्ट की बैठक 20 को-कारसेवकों पर दर्ज मुकदमे हों वापस, मुहिम शुरू-मस्जिद ट्रस्ट तय करेगा मस्जिद मॉडल

अयोध्या के बाद मथुरा और काशी

अयोध्या के बाद मथुरा और काशी

लखनऊ. पांच अगस्त के बाद से रामभक्त, रामलला के मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि अब मंदिर के नींव का काम शुरू हो। इधर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी राम भक्तों की इस बेसब्री को समझ रहा है। नई दिल्ली में 20 अगस्त को ट्रस्ट की राम मंदिर निर्माण की तकनीकी टीम की बैठक होगी, जिसमें निर्माण कार्य के विशेषज्ञ मंथन करेंगे और कोशिश करेंगे इसे फाइनल कर दे। मंदिर निर्माण के शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद से ही काशी और मथुरा के लिए भी आवाजें उठनी शुरू हो गई। वरिष्ठ भाजपा नेता विनय कटियार ने शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान अचानक यह बिगुल बजाना शुरू कर दिया कि अब काशी और मथुरा की बारी है। पर कृष्णाजन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक करने सरयू का जल लेकर मथुरा पहुंचने पर महंत नृत्यगोपाल दास ने इन सभी बयानों को खारिज कर दिया और कहाकि, यहां तो मंदिर, मस्जिद का विवाद सुलझा हुआ है उसे क्या सुनना है मंदिर अपनी जगह है और मस्जिद अपनी जगह, आंदोलन की जरूरत नहीं है। पहले राम मंदिर का निर्माण जरूरी है। इसी बीच कारसेवकों पर से दर्ज मुकदमा खत्म करने की मांग उठने लगी है। अखाड़ा परिषद ने कहा है कि जनसमर्थन के साथ हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
अयोध्या के बाद मथुरा और काशी
अयोध्या के बाद मथुरा और काशी :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि अयोध्या के बाद अब मथुरा और काशी चाहिए। हालांकि इसके लिए कोई आंदोलन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में अयोध्या, मथुरा, काशी समेत सात पुरी मोक्ष देने वाली हैं। महंत नृत्यगोपाल ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए मथुरा में कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा। यहां मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद नहीं है। अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रारंभ हो चुका है। अयोध्या से मथुरा आए महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि सरयू नदी का जल दिव्य जल है, इसलिए यहां जल लेकर आए हैं। मोक्षपुरी मथुरा एवं अयोध्या की परम पवित्र नदियां यमुना और सरयू के साथ गंगाजल का उपयोग भी श्रीकृष्ण जन्ममहाभिषेक के दिव्य एवं अलौकिक धार्मिक अनुष्ठान में किया जाएगा।
20 अगस्त को दिल्ली में जुटेंगे दिग्गज :- अब मंदिर निर्माण की शुरुआत के लिए एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। 20 अगस्त को नयी दिल्ली में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, प्रस्तावित मंदिर के मुख्य शिल्पीकार आशीष एवं निखिल सोमपुरा के साथ भवन निर्माण अभियांत्रिकी से जुड़े कई बड़े नाम शामिल होंगे। इनमें स्कूल ऑफ आर्कीटेक्चर एंड प्लानिग के डीन वीके पाल, स्कूल ऑफ आर्कीटेक्चर- लखनऊ की प्राचार्य वंदना सहगल, दिल्ली के प्रख्यात अक्षरधाम मंदिर से जुड़े और मर्मज्ञ वास्तुविद स्वामी ब्रह्मबिहारी सहित लार्सन एंड टुब्रो के शीर्ष अभियंताओं के नाम हैं। नींव की मजबूती के लिए जितनी भी संभावनाएं हैं सब खंगाली जा रहीं हैं और उन पर हर पहलू से चर्चा होगी।
कारसेवकों का बरी कर दे सरकार :- राम मंदिर आंदोलन में कारसेवकों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। जन समर्थन के साथ मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मिलकर इस मांग पूरा कराने की योजना ने रुप पकड़ लिया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अपने प्राणों की परवाह किए बिना राम मंदिर से जुड़कर अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले कारसेवकों की वजह से आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का सपना पूरा हो रहा है। इसके फल स्वरूप इन कारसेवकों को मंदिर आंदोलन के सभी आरोपों से बरी कर देना चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो