नगर निगम कार्यक्रम के दौरान संयुक्ता भाटिया ने सभी पार्षदों और निगम के कर्मचारियों को शपथ दिलवाई थी। संयुक्त भाटिया महापौर नगर निगम ने कहा कि, लखनऊ नगर निगम द्वारा लखनऊ शहर को तम्बाकू मुक्त बनाये जाने का संकल्प लिया गया है। इस क्रम में सभी नगरवासियों से अपील है कि यदि वह तम्बाकू का सेवन करते है तो उसे छोड़े दे तथा अन्य व्यक्तियों को भी इसके लिए प्रेरित करें जिससे शहर में रहने वाले परिवारो तम्बाकू के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रखते शहर के विकास को गति प्रदान की जा सके। लखनऊ को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में आपसे सहयोग की अपेक्षा है। लखनऊ नगरवासियों से अनुरोध है कि पान-मसाले की पीक से नगर को गंदा न करें। साथ ही ऐसा करने वालो को मना भी करें जिससे स्वच्छ लखनऊ-सुन्दर लखनऊ के सपने को साकार किया जा सके।
35.5 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं लखनऊ को तम्बाकूमुक्त करने की अपील एवं सहयोग की अपेक्षा जैसा कि विदित है कि धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन से कैसर तथा अन्य गंभीर बीमारियाँ एवं अकाल मृत्यु व अपंगता पायी जा रही है। इसके अतिरिक्त जहाँ एक तरफ बीमार व्यक्ति के उपचार में उसके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को काफी धनराशि बीमार व्यक्तियों के उपचार में आर्थिक सहायता के रूप में खर्च करनी पड़ती है जिसके कारण प्रदेशवासियों का विकास प्रभावित होता है। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग 35.5 प्रतिशत निवासी किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते है।
देश में तम्बाकू जनित गंभीर बीमारियों से प्रतिवर्ष 12 लाख लोंगो की मृत्यु होती है जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। एक तुलनात्मक अध्ययन से पता चला है कि देश में तो तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या में 6 प्रतिशत की कमी आयी है किन्तु उत्तर प्रदेश में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि उत्तर प्रदेश के लिए अत्यधिक चिंता का विषय है।
यहाँ पर सबसे ज्यादा आयात होता हैं लखनऊ शहर प्रदेश के अधिक आबादी वाले शहरों में से एक है जहाँ पर तम्बाकू पदार्थो का अधिक लोंगो द्वारा सेवन तो किया ही जाता है, साथ ही यहाँ पर उसका निर्माण, आयात एवं बिक्री भी की जाती है जिससे लोगों में पैदा होती गंभीर बीमारियों के मद्देनजर नियंत्रण एवं रोकथाम करना अति आवश्यक हो गया है।
भारत सरकार द्वारा तम्बाकू के उपयोग को नियंत्रित कर इससे होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाने के उद्देश्य से सिगरेट और अन्य तम्बाकू (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण) विनियमन (कोटपा-2003) लागू किया गया है जिसका उद्देश्य अवस्यकों, कम उम्र के युवाओं एवं जन समूह द्वारा तम्बाकू उत्पाद का प्रयोग रोकने, तम्बाकू की लत से बचाने तथा उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबन्ध लगाना है।
अधिनियन के मुख्य बिन्दु इस प्रकार से है 1. सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा 2003) की धारा 4, 5, 6ए एवं बी का पूर्णतया क्रियान्वयन किया जाना सुनिश्चित करना।
2. धारा 4 में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध है, धारा 5 के अनुसार सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद का विज्ञापन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रचार-प्रसार निषेध है, धारा 6ए में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तम्बाकू विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा 6बी में किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध है।
3. भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के अनुसार कोई भी तम्बाकू विक्रेता तम्बाकू के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं करेगा।
4. उत्तर प्रदेश सरकार की अधिसूचना संख्या 1958/पाँच-7-2015-रिट-45/2013 दिनांक 06.10.2015 द्वारा उ.प्र. राज्य में खुली सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
5. सामान्य जनरल मर्चेन्ट/किराना की दुकान पर तम्बाकू की उत्पादो की बिक्री नहीं होगी। यदि कोई इस प्रकार का उत्पाद बेचता हुआ पाया जाता है तो उस पर नगर निगम लखनऊ द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
2. धारा 4 में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध है, धारा 5 के अनुसार सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद का विज्ञापन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रचार-प्रसार निषेध है, धारा 6ए में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तम्बाकू विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा 6बी में किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध है।
3. भारत सरकार के दिशा-निर्देशो के अनुसार कोई भी तम्बाकू विक्रेता तम्बाकू के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं करेगा।
4. उत्तर प्रदेश सरकार की अधिसूचना संख्या 1958/पाँच-7-2015-रिट-45/2013 दिनांक 06.10.2015 द्वारा उ.प्र. राज्य में खुली सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
5. सामान्य जनरल मर्चेन्ट/किराना की दुकान पर तम्बाकू की उत्पादो की बिक्री नहीं होगी। यदि कोई इस प्रकार का उत्पाद बेचता हुआ पाया जाता है तो उस पर नगर निगम लखनऊ द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।