आरक्षी भगवती प्रसाद भरद्वाज ने इसकी सुचना अपने वरिष्ठ अधिकारी जो की मेट्रो स्टेशन पर ही ड्यूटी पर तैनात एसआई देवेन्द्र कुमार शुक्ल को दी और जब पर्स को खोल कर देखा गया तो उसमे काफी रूपये थे कुछ दस्तावेज भी थे। जिससे उक्त यात्री से संपर्क किया गया और दूसरी तरफ मेट्रो प्रशासन ने भी तत्काल उपरोक्त इसकी घोषणा सभी स्टेशनो पर देनी शुरू कर दी। महिला यात्री ने जैसा ही इस सुचना को सुना वो फ़ौरन स्टेशन पर आयी और स्कैनर मशीन के पास आकर अपना पर्स प्राप्त किया और महिला यात्री जिनका नाम शिबानी चटर्जी उम्र 70 साल और उनके पुत्र जय देव चटर्जी फरीदी नगर ,कुकरैल लखनऊ निवासी जो किसी मीडिया में कार्यरत है साथ यात्रा कर रहे थे।
उन्होंने बताया की इसमें एक लाख दस हज़ार रूपये है। अपना पैसा पुनः पाकर वो काफी खुश हुए और मेट्रो प्रशासन और पीएसी की काफी तारीफ़ भी करी और साथ ही कहा की हमने जैसा लखनऊ मेट्रो के बारे में पढ़ा था कि अगर किसी का सामान स्टेशन पर छुट जाता है,तो वो सामान सुरक्षित उस यात्री को मिल जाता है और साथ ही कहा कि लखनऊ मेट्रो का यह आचरण जो मेट्रो रेल सेवा के साथ यात्रियों को उनके भूले सामनो को भी मेट्रो सुरक्षित लौटा रहा ऐसा अन्य किसी भी स्टेशनो पर जल्दी देखने को नहीं मिलता जैसा की लखनऊ मेट्रो में हम देख रहे।