तफ़्तीश करने से चला पता घटना को गंभीरता से लेते हुए स्टेशन कंट्रोलर ने तत्काल ही उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के सभी मेट्रो स्टेशनों पर घटना की सूचना दे दी। सीसीटीवी में कैद फ़ुटेज से पता चला कि बच्चा दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन से चारबाग़ मेट्रो स्टेशन के लिए चला गया था। मामले की तफ़्तीश करने पर पता चला कि बच्चे ने दुर्गापुरी में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी रमेंद्र यादव को बताया कि उसके भाई चारबाग़ में उसका इंतज़ार कर रहे हैं। जिसके बाद सुरक्षाकर्मी ने बच्चे को चारबाग़ जाने वाली मेट्रो ट्रेन में बैठा दिया।
जब मिले दोनों तो फिर इस घटना में मेट्रो कर्मियों ने न सिर्फ़ व्यवस्थित और चाक-चौबंद तरीक़े से अपने दायित्वों के निर्वहन का सबूत दिया, बल्कि मानवता के मानक पर भी वे खरे उतरे। दरअसल, चारबाग़ मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद बच्चे ने बताया कि उसके पास टोकन नहीं है और उसके बड़े भाई उससे अलग हो गए हैं। यह पता चलने के बाद चारबाग़ मेट्रो स्टेशन पर तैनात कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट परमिंदर लांबा ने उसे दूसरे टोकन से एएफ़सी गेट के बाहर किया। इसके बाद दुर्गापुरी में बच्चे का इंतज़ार कर रहे बड़े भाइयों को बच्चे के मिलने की सूचना दी गई। अपने भाई से वापस मिलकर उन्हें बेहद ख़ुशी हुई और उन्होंने लखनऊ मेट्रो का शुक्रिया अदा किया।
मिले यह महंगे सामान इस घटना के आलावा हाल ही में लखनऊ मेट्रो के सराहनीय कार्यों की लिस्ट में कुछ और नए पन्ने भी जुड़े हैं। कुछ दिन पहले 10 दिनों में लखनऊ मेट्रो ने यात्रियों को 3 महंगे मोबाइल फ़ोन्स, सोने की तीन अंगूठियां और अन्य ज्वैलरी के साथ-साथ करीबन 3 हज़ार रुपए की नकदी यात्रियों को वापस की है।