यूपी सहित पूरे देश में एक अक्तूबर 2020 से सरसों के तेल में कोई और तेल मिलाने पर पाबंदी लगा दी गई। पहले ब्लेंडेड (मिश्रित) सरसों के तेल में सोयाबीन, पामोलिन और राइस ब्रान तेल भी मिला देते थे। पर अब ऐसा करना कानूनी जुर्म होगा। मतलब सरसों के तेल में करीब 20 फीसदी तक की ब्लेंडिंग की जाती थी। इससे पहले जनवरी 2020 में पॉम ऑयल पर पाबंदी लगा दी गई थी। सरकार का तर्क है कि ब्लेंडिंग की आड़ में बहुत से व्यापारी मिलावट का धंधा कर रहे थे और ब्लेंडिंग नहीं होने से सरसों की खपत भी बढ़ेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा।
यूपी में जुलाई माह में ब्रांडेड सरसों के तेल 105-110 रुपए प्रति लीटर आसानी से मिल जाते थे। पर अब 150 रुपए से कम में सरसों का तेल मिलना मुश्किल है। प्रदेश में खाद्य तेल की खपत उत्पादन के सापेक्ष काफी अधिक है। अभी खुले बाजार में सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (4650 रुपए प्रति कुंतल) से 850 रुपए तक ज्यादा रेट पर बिक रही है।