डॉ. आर. सी. लोहानी ने स्तनपान विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि नवजात शिशु के लिए माँ का दूध अमृत सामान होता है ।प्रसव के उपरांत तीन दिनों तक माँ के पीला गाड़ा दूध (Cholostrum) निकलता है , वह शिशु को गंभीर रोगों से बचता है ।
जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को माँ का दूध पिलाना आवश्यक होता है तथा छह माह तक शिशु को सिर्फ माँ का दूध पिलाना लाभकारी है । माँ के दूध से शिशु कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है , बौद्धिक व मानसिक विकास होता है तथा माँ एवं बच्चे के मध्य भावनात्मक रिश्ता मज़बूत होता है । माँ के दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है ।
कार्यक्रम के संयोजक व संचालक डॉ. कुमार उमेश ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर , उच्च रक्तचाप व मोटापे कि बीमारी नहीं होती है तथा स्तनपान, प्रसव उपरांत बच्चे दानी को सही जगह ले जाने में मदद करता है । स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भ निरोधक का भी कार्य करता है ।
स्तनपान से शिशु एवं माँ दोनों ही स्वस्थ रहते हैं, जिससे उनके बीमार होने पर होने वाले चिकित्सा व्यय में कमी आती है । इस तरह से स्तनपान से शिशु , माँ एवं पिता भी लाभान्वित होते हैं । इस अवसर पर स्तन पान के प्रति जागरूकता हेतु प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया तथा पम्पलेट का वितरण किया गया।इस अवसर पर डॉ विश्वमोहिनी , डॉ पाठक , डॉ. रंजीत ,डॉ अंकिता , डॉ लाल , डॉ अनामिका , डॉ विनीता , चिकित्सालय कर्मी , रेलकर्मी व उनके परिवारीजन उपस्थित थे ।