कैम्पस में जंजीरों से जकड़ा गजराज 20 अक्टूबर 2019 को परनपुरा गांव के एक आदमी रामशंकर सिंह की मौत की सजा काट रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, उस वक्त चन्दौली के बबुरी थाने में महावत के साथ ही इस हाथी पर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। महावत की जमानत हो चुकी है, लेकिन हाथी को अभी रिहाई का इंतजार है।
दुधवा नेशनल पार्क जाएगा हाथी :- प्रभागीय वन अधिकारी महावीर कोजलगी ने बताया कि करीब 10 महीने पहले वन विभाग ने इस हाथी को अपने संरक्षण में रखा हुआ है। वन विभाग की देख-रेख में हाथी को खाना और जरूरी चीजें दी जाती हैं। लॉकडाउन के बाद न्यायालय के आदेश आने के बाद उसे लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क भेज दिया जाएगा।
कुत्ते का शव बांधकर घसीटा :- पीलीभीत जिले में एक और अमानवीय व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें एक शख्स मोटरसाइकिल के पीछे कुत्ते का शव बांधकर घसीट रहा है। इस वीडियो को देखकर कुत्ते संग हो रही कूरता से लोगों में गुस्सा भर गया। इस घटना की जानकारी होने पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित ने पशु क्रूरता के इस वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दे दिए हैं। पीलीभीत डीएम का कहना है कि पशु क्रूरता से संबंधित यह बेहद गंभीर मामला है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह वीडियो किस जगह का है। वायरल वीडियो की जांच कराने का निर्देश दिया गया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हाथियों की जनगणना के लिए आजमाते है चार तरीके :- आज इसी बहाने हम हाथियों की जनगणना के बारे में बताते हैं। भारत में मनुष्यों की गणना (जनगणना) दस साल में होती है, पर हाथियों की गिनती हर पांच साल में होती है। और इनकी जनगणना के लिए चार तरीकों को आजमाया जाता है। केंद्र के स्तर पर सबसे ताजी जनगणना 2017 में हुई थी। जिसमें पूरे देश में हाथियों की कुल संख्या 27,312 दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश में हाथियों की गिनती छह जून से शुरू हो गई है और यह आठ जून तक चलेगी। परंपरागत तरीके से गणना का आधार प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले गजराजों के आधार पर होगी। हालांकि बीट अधिकारी जीपीएस लोकेशन, पगमार्क आदि की जरूरी जानकारी प्रपत्र में भरेंगे। गणना के उपरांत रिपोर्ट को प्रमुख वन संरक्षक लखनऊ को भेजा जाएगा। प्रदेश के एक टाइगर रिजर्व सहित सात वन प्रभागों में एक साथ गणना होनी है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव सुनील पांडेय की ओर से जारी आदेश में दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट बहराइच, दक्षिण खरीरी वन प्रभाग लखीमपुर खीरी, सामाजिक वानिकी वन प्रभाग बिजनौर, बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद और प्रभागीय वनाधिकारी शिवालिक वन प्रभाग सहारनपुर के अंतर्गत एक साथ गणना होगी।
न संरक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र के वीके जैन ने बताया कि बादशाहीबाग रेंज, मोहंड रेंज और शाकंभरी रेंज में गणना होगी। गणना भारत सरकार के निर्देशानुसार की जाएगी। वर्ष 2017 में शिवालिक वन प्रभाग में 15 हाथी चिंहित किए गए थे।