पीस पार्टी ने कहा है कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में भी इस बात के साक्ष्य नहीं हैं कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। वर्ष 1885 में बाहरी अहाते में राम चबूतरे पर हिन्दू पूजा करते थे। आंतरिक हिस्सा मुसलमानों के पास था। पिछले 2 दिसम्बर को जमीयत उलेमा हिन्द ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
अयोध्या फैसले हिंदू महासभा भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। वह याचिका में मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ जमीन दिए जाने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करेगी। यह संभावना है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी आज ही रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा।