Uttar Pradesh Assembly election 2022 : कहीं बाबा का आर्शीवाद तो कहीं जातीय अस्मिता के सहारे भाजपा का यूपी फतह का प्लान यूपी की राजनीति में निषाद वोट बहुत अहम :- यूपी की राजनीति में निषाद वोट बहुत अहम हैं। करीब 150 से अधिक विधानसभा सीटों पर निषाद बहुल हैं। इन सीटों पर निषाद वोटर हार-जीत के लिए निर्णायक हो सकते हैं। इतने अहम निषाद वोटरों को देखकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) यूपी में एक चांस ले रही है। यूपी की राजनीति में अपने को स्थापति करने के लिए वीआईपी ने अपनी रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश के 18 निषाद बहुल जिलों में दिवंगत दस्यु सुंदरी व सांसद फूलन देवी की स्वर्ण प्रतिमाएं स्थापित करने जा रही है। वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने ऐलान किया था कि, पार्टी उन सभी 18 जिलों में एक माला समारोह आयोजित करेगी, जहां उनकी प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी।
इन 18 जिलों में स्थापित होंगी फूलन की मूर्तियां :- यूपी में निषाद, मल्लाह और कश्यप वोटर्स कुल आबादी का करीब 4 फीसद हैं। और इनकी संख्या खासतौर पर पूर्वी और मध्य यूपी में अधिक है। इसलिए मूर्ति लगाने के लिए वाराणसी, लखनऊ, बलिया, संत कबीरनगर, बांदा, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोरखपुर, महाराजगंज, औरैया, प्रयागराज, उन्नाव, मेरठ, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद और जौनपुर इन निषाद बहुल्य जिलों का खयन किया है।
वीआईपी की यूपी इकाई का शुभारंभ :- साल 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले यूपी में अपना कद तलाशने निकले सहनी की ने 2 जुलाई को अपनी पार्टी की यूपी इकाई का शुभारंभ किया है। साथ ही वीआईपी ने यूपी राज्य की 165 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। और आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं का नारा दिया है।
निषाद का जवाब वीआईपी :- विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ते ही निषाद वोटों पर अपने कब्ज़े को लेकर निषाद पार्टी और बिहार की विकासशील इंसान पार्टी के बीच खींचतान शुरू हो गई है। निषाद पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भाजपा नेतृत्व से लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें यूपी में उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाए और केंद्र व यूपी सरकार में जगह दे। पर भाजपा ने उन्हें कोई भाव नहीं दिया। जिस पर संजय निषाद ने अपनी नाराजगी जताई। पर वीआईपी की उपस्थिति को देख भाजपा को लगता एक नया हथियार मिल गया है जो निषाद पार्टी के दबाव को खत्म कर सकती है। इसलिए भाजपा वीआईपी महात्वाकांक्षा को हवा दे रही है।