गृहमंत्री अमित शाह का यूपी दौरा, जनता को दिए कई अहम तोहफे वेंटिलेटर्स में कई तकनीकी खामियां :- जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि, इन वेंटिलेटर्स में कई तकनीकी खामियां हैं। यह वेंटिलेटर्स 10 किग्रा वजन के बच्चों के इलाज में कारगर नहीं है। साथ ही, 10 माह के बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त वेंटिलेटर्स सामान्य से अधिक आवाज करते हैं, जिससे गंभीर मरीजों और स्टाफ को समस्या होती है। वेंटिलेटर्स पर लगे मॉनिटर स्क्रीन बहुत छोटे हैं, यह पैरामीटर के हिसाब से ठीक नहीं हैं। वेंटिलेटर्स की फ्लो सेंसर क्वालिटी भी ठीक नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि, ये वेंटिलेटर्स इमरजेंसी में शॉर्ट टर्म वेंटीलेशन के लिए ठीक है।
तीन विभाग ने की जांच :- वेंटिलेटर्स की तकनीकी जांच पीजीआई के पलमोनरी मेडिसिन विभाग, एनेस्थीसिया विभाग और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एक्सपर्ट्स ने की। जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, सब ठीक है। वहीं पूरे मामले की गोपनीय रिपोर्ट लीक होने से एसजीपीजीआई प्रशासन परेशान है।