बताया जा रहा है कि ट्रेन को चलाने एक निजी कम्पनी ने एक माह के अंदर पूर्वोत्तर रेलवे के अनुभवी और वरिष्ठ करीब एक दर्जन लोको पायलट, गार्डों को नौकरी का ऑफर दिया है। इसमें एक खास बात यह भी है कि कम्पनी ऐसे लोगों को चुनकर यह आफर दे रही है, जिनका पूरा कॅरियर अब तक बेदाग रहा है।
निजी कम्पनी का आफर :- रेलवे में कार्यरत एक लोको पायलट बताते हैं कि कम्पनी ने उन्हें आफर पेश की है। अभी मेरी नौकरी दो साल बाकी है। पर कंपनी के अधिकारी ने कहा रिटायर होने का इंतजार करने की बजाय वीआरएस लेकर हमारी आफर स्वीकार कर सकते हैं। नहीं तो दूसरा रास्ता यह भी सुझाया कि ऑफर स्वीकार कर लें और रेलवे की नौकरी करते रहिए। जैसे ही कम्पनी को जरूरत होगी, दो माह का समय देंगे। दो माह में रेल से वीआरएस लेकर कंपनी से जुड़ सकते हैं।
100 रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनें :- रेल मंत्रालय ने 100 रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। निजी कंपनियों ने अपनी कमर कस तैयारियां तेज कर दी हैं। पर कम्पनियों के सामने समस्या है कि सुपरफास्ट ट्रेनों को चलाने के लिए अनुभवी चालक और गार्डों कहां से लाएं। यही वजह है कि कंपनियां वर्तमान में रेलवे में काम कर रहे वरिष्ठ रनिंग स्टॉफ को लुभावने आफर दे रही है।
तो दूध के साथ मलाई भी :- रेलवे सुरक्षा-संरक्षा के मानकों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। इसलिए निजी कम्पनियों की मजबूरी है कि सुरक्षा-संरक्षा के मानकों का पूरा ध्यान दें। वरिष्ठ लोको पायलट का वेतन इस समय में करीब डेढ़ लाख रुपए है। अगर लोको पायलट वीआरएस लेता है तो उसे 50 से 60 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। ऐसे में प्राइवेट कंपनी ज्वाइन करने पर उन्हें तीन-साढ़े तीन लाख रुपए वेतन भी मिलेगा। तो दूध के साथ मलाई भी।
लगातार आ रहे हैं फोन :- ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल सचिव, शीतल प्रसाद बताते हैं कि हमारे तीनों मण्डलों के एक दर्जन से ज्यादा गार्डों के पास कंपनियों के फोन आए थे। जिनके पास फोन आए वह सभी 56 से 58 वर्ष के बीच हैं। सभी को कंपनी ने दोगुने वेतन का ऑफर दिया है।
मौका है दबोचा लें :- केन्द्रीय संरक्षक आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन एके सिंह ने बताया कि कई वरिष्ठ चालकों के पास कंपनियों के ऑफर हैं। कुछ ने राय भी मांगी है। मैंने सभी को कहा है कि यह बेहतर अवसर है। रेल वैसे भी सभी को उम्र से पहले रिटायर कर रही है।