उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे से यूपी के सभी जिलों में मानसून सक्रिय है। राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और गोरखपुर में सुबह से बारिश हो रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड में अधिकतर स्थानों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुधवार से ही बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने बताया कि सबसे अधिक 22 सेंटीमीटर बारिश एल्गिनब्रिज-बाराबंकी में रेकॉर्ड की गई। सोरांव-प्रयागराज में 17 सेंटीमीटर, सिधौली-सीतापुर में 12, सलेमपुर-देवरिया और वाराणसी में दस-दस, आजमगढ़ और भाटपुरवाघाट-सीतापुर में नौ नौ, चुनार-मीरजापुर, सुल्तानपुर, लखनऊ, हमीरपुर में आठ-आठ और अयोध्या, हैदरगढ़-बाराबंकी में सात-सात सेंटीमीटर पानी बरसा। उधर, मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा में बारिश का क्रम दिन भर चलता रहेगा। गाजियाबाद और नोएडा में गुरुवार तड़के से ही बारिश हो रही है।
16 जिले सैलाब से प्रभावित :- यूपी के कई हिस्सों में लगातार बारिश होने की वजह से बाढ़ की स्थिति काफी खराब हो चुकी थी। पर 24 घंटें में कुछ सुधार आया है। इसके बावजूद 16 जिलों के 500 से ज्यादा गांव सैलाब से प्रभावित हैं। राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि, इस समय यूपी के 16 जिलों अम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोण्डा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर और सीतापुर के 523 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 275 गांवों का संपर्क बाकी स्थानों से पूरी तरह कट गया है। कहीं भी बाढ़ की स्थिति बेहद चिंताजनक नहीं है और सैलाब से घिरे गांवों की संख्या में धीरे-धीरे कमी हो रही है।
एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद :- राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता रखने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च व रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 और एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें तैनाती की गई हैं। 644 नाव लगी हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों को अब तक 51,403 खाद्यान्न किट व 1,84,524 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। बाढ़ क्षेत्रों में 262 मेडिकल टीमें लगाई गई हैं। राहत आयुक्त ने बताया कि कोई भी समस्या होने पर जिला आपदा नियंत्रण केंद्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्पलाइन नंबर 1070 पर फोन से संपर्क किया जा सकता है।