scriptRakshabandhan 2021 : रामलला की कलाई पर बंधेगी एक राखी, कान्हा के हाथों पर सजेंगी तीन राखियां | Lucknow Rakshabandhan 2021 Ram one rakhi Krishna three rakhis Shiv | Patrika News

Rakshabandhan 2021 : रामलला की कलाई पर बंधेगी एक राखी, कान्हा के हाथों पर सजेंगी तीन राखियां

locationलखनऊPublished: Aug 22, 2021 08:12:14 am

– रामलला के लिए हिमाचल से बहन शांता की ओर भेजी जाती है राखी- बाबा विश्वनाथ के चरणों में अर्पित की जाएंगी राखियां- ब्रज बिहारी के मंदिर में देशभर से पहुंच रहीं हजारों राखियां

Rakshabandhan 2021 : रामलला की कलाई पर बंधेगी एक राखी, कान्हा के हाथों पर सजेंगी तीन राखियां

Rakshabandhan 2021 : रामलला की कलाई पर बंधेगी एक राखी, कान्हा के हाथों पर सजेंगी तीन राखियां

लखनऊ. Raksha bandhan 2021 पूरे देश में आज रक्षाबंधन के त्योहार की धूम है। बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए रक्षासूत्र बांध रही हैं। दुनिया की रक्षा करने वाले भगवान राम और कृष्ण की कलाइयों में भी राखी बांधी जाएगी। अपने भाइयों की सलामती के लिए उनकी बहनों की तरफ से यह राखियां बांधी जाएंगी। रामलला की कलाई पर जहां सिर्फ एक राखी बंधती है, वहीं मथुरा में कान्हा के हाथों पर तीन-तीन राखियां सजती हैं। रामलला के लिए हिमाचल प्रदेश से उनकी बड़ी बहन शांता राखी भेजती हैं तो कृष्ण की तीन बहनें एकानंगा, सुभद्रा और सती की तरफ से रक्षासूत्र बांधा जाता है। लेकिन, काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में राखियां अर्पित की जाती है। पूरे देश से अयोध्या, मथुरा, और काशी में भगवान के लिए हजारों बहनों ने राखियां भेजी हैं।
राम की बड़ी बहन बांधती हैं राखी
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान राम की बड़ी बहन शांता हैं। उनका विवाह श्रंृगी ऋषि संग हुआ था। हिमाचल के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि और शांता का मंदिर है। यहां से भगवान राम के लिए हर वर्ष राखी आती है। पुजारी रामलला की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं। राम की बहन शांता के देश में दो मंदिर हैं।
Shree Krishna Janmashtami 2021: कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों में जुटे लोग, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

कान्हा की हैं तीन बहनें

मथुरा में बांके बिहारी का दरबार देश-विदेश से डाक से आने वाली राखियों से भरा है। अब तक करीब 50 हजार राखियां पोस्ट से आ चुकी हैं। इन्हें रक्षाबंधन पर बांके बिहारी के चरणों में रखा जाएगा। लेकिन भगवान कृष्ण के हाथों में उनकी तीन बहनों की राखी बांधी जाएगी। यशोदा की पुत्री एकानंगा, वासुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी की पुत्री सुभद्रा और सती जिसे कंस ने पटक दिया था और वह उसके हाथों से छिटक कर विंध्याचल धाम में स्थापित हो गईं, उनकी ही राखियां बांधी जाएंगी। बांके बिहारी मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार रक्षाबंधन को चुनिंदा राखियां ही बिहारी जी की कलाई पर सजती हैं। बांके बिहारी मंदिर के पुजारी अभिषेक गोस्वामी के अनुसार यहां से कुछ राखियां अयोध्या भी भेजी गयी हैं।
Rakshabandhan Rakhi 2021: इस अंदाज में दें अपनों को रक्षाबंधन की बधाई

बाबा विश्वनाथ को अर्पित की जाती हैं राखियां

बनारस में सावन मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा, रक्षाबंधन पर्व श्रावणी अर्थात् उपाकर्म के रूप में मनता है। श्रावणी उपाकर्म विशुद्ध रूप से वैदिक कर्म है। इसके बिना रक्षाबंधन अधूरा और अपूर्ण है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंची हजारों राखियां उपाकर्म पूजा के बाद बाबा के चरणों में अर्पित की जाएंगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो