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दुनिया का आठवां आश्चर्य होगा अयोध्या का राम मंदिर, सोमनाथ से बड़ा गर्भगृह

locationलखनऊPublished: Feb 24, 2020 02:24:40 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

– मंदिर में एक साथ 20 हजार भक्त कर सकेंगे आरती – मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी से भी ज्यादा विस्तृत होगा मंदिर का क्षेत्रफल- दुनिया के सबसे अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा रामलला मंदिर – बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित होंगे रामलला, सोने का गर्भगृह बनाने की तैयारी- अभी के नक्शे के मुताबिक 100 करोड़ की आएगी लागत, दो साल में बनकर हो जाएगा तैयार

दुनिया का आठवां आश्चर्य होगा अयोध्या का राम मंदिर, सोमनाथ से बड़ा गर्भगृह

दुनिया का आठवां आश्चर्य होगा अयोध्या का राम मंदिर, सोमनाथ से बड़ा गर्भगृह

पत्रिका इन्डेप्थ स्टोरी
अयोध्या. लंबी प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में जल्द ही भव्य रामलला का मंदिर बनना शुरू हो जाएगा। अब तक का यह सबसे अत्याधुनिक मंदिर होने के साथ ही यह दुनिया का आठवां आश्चर्य होगा। मंदिर का क्षेत्रफल मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी से न केवल ज्यादा बड़ा होगा बल्कि यह मंदिर दुनिया के सबसे अत्याधुनिक तकनीक से भी लैस होगा। रामलला बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित होंगे। गर्भगृह सोने से बनाने की तैयारी है। अभी तक के मास्टर प्लान के मुताबिक मंदिर जब बन कर तैयार होगा तो यह स्थापत्य कला का एक अद्वितीय उदाहरण होगा। मंदिर में एक साथ 20 हजार भक्त आरती कर सकेंगे। मंदिर का क्षेत्रफल मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी से भी ज्यादा विस्तृत होगा फिलहाल, नागर शैली पर बनने वाले इस मंदिर में किसी भी तरह के बदलाव का निर्णय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ लेगा। उसके बाद ही मंदिर निर्माण शुरू होगा।
रामलला मंदिर के वास्तुकार और इसका नक्शा तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक वे मंदिर के मॉडल और उसके आकार में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर तैयार हैं। लेकिन इसका निर्णय नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ही लेना है। उनका कहना है कि राममंदिर का जिस तरह का प्रारूप है वैसा उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं है। तीर्थ स्थल के विकास की अभी तक की तैयारियों के मद्देनजर जब यह मंदिर बनकर तैयार होगा तो भारतीय स्थापत्य कला का यह नायाब नमूना होगा। जो आठवें आश्चर्य से कम न होगा। मंदिर का मौजूदा मॉडल 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। विहिप अपने पुराने मॉडल पर ही मंदिर बनवाने के पक्ष में है।
67 एकड़ के अनुसार बना है नक्शा :- चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिब मंदिर का नक्शा फिलहाल, 67 एकड़ के अनुसार बना है। अगर इसके क्षेत्रफल को बड़ा कर लिया जाए यानी 100 से 120 एकड़ तक यह हो जाए तो जो नया मास्टर प्लान बनेगा उसपर बने मंदिर को देख कर दुनिया रश्क करेगी। इस नए प्लान के मुताबिक नक्शा तैयार करने में अधिक समय नहीं लगेगा। सिर्फ 15 दिन में यह बनकर तैयार हो जाएगा। चंद्रकांत सोमपुरा का कहना है मंदिर को दो से तीन मंजिला बनाया जा सकता। मूर्ति तो एक जगह रहेगी। अभी के नक्शे के अनुसार अगर मंदिर का निर्माण होता है तो करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आएगी। हां, अगर डिजाइन में बदलाव होता है तो खर्च बढ़ सकता है। समयसीमा में लागत को कम या ज्यादा करने की एक बड़ी वजह होगी। मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के दो साल के भीतर पूरा किया जा सकता है। उनके मुताबिक रामलला मंदिर का प्रारूप जैसा है वैसा दुनिया में कहीं नहीं है।
कौन है चंद्रकांत सोमपुरा :- गुजरात के पालीताणा के रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा की 16 पीढिय़ां देश-विदेश में भव्य मंदिरों का निर्माण करती आ रही हैं। चंद्रकांत सोमपुरा खुद अब तक हिंदू, जैन और स्वामीनारायण संप्रदाय के 100 से अधिक मंदिर बना चुके हैं। चंद्रकांत सोमपुरा ने गांधीनगर का स्वामीनारायण मंदिर, पालनपुर अंबा माता और कई बिड़ला मंदिर बनवाए हैं। गुजरात के विख्यात सोमनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण के आर्किटेक्ट उनके दादा प्रभा शंकर सोमपुरा थे। उत्तराखंड के बदरीनाथ मंदिर की मरम्मत इनके पिता ने करवायी थी। सोमपुरा को 1997 में सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट घोषित किया गया था। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल लंदन का अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर चंद्रकांत ने ही बनवाया था।
प्रस्तावित नक्शे के अनुसार यह खासियत होगी राम मंदिर की:-

-मंदिर निर्माण में 2 लाख 63 हजार घनफीट पत्थर लगेगा
-पत्थरों को ए, बी, सी व 1,2,3 के हिसाब से नम्बर दिए गए हैं
-निर्माण के वक्त इन्हीं पत्थरों के हिसाब से लगाना होगा
-राम मंदिर के ऊपरी भाग में 106 खंभे होंगे
-हर खंभे में 12 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होगी
-पहली मंजिल पर राम दरबार का निर्माण होगा
-राम मंदिर के साथ-साथ पांच और मंदिर भी बनेंगे
-राम मंदिर का मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार का
-नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से तैयार होगा मंदिर
-मंदिर में तराशे गए पत्थर का होगा इस्तेमाल
-मौजूदा नक्शे में एक साथ करीब 20 हजार भक्तों के आरती दर्शन की व्यवस्था
-नागर शैली से बनेगा मंदिर, पूरी तरह भारतीय तकनीक पर होगा आधारित
-मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा
-राम मंदिर के गर्भगृह की लंबाई और चौड़ाई 20-20 फीट होगी
-जबकि, सोमनाथ मंदिर में गर्भगृह 15-15 फीट का है
-मंदिर 240 फीट लंबा, 145 फीट चौड़ा और 141 फीट ऊंचा होगा
-मंदिर भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में होगा
-मंदिर में 251 स्तंभ और मंदिर के चार प्रवेश द्वार होंगे ।

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