शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा कि भारत-चीन में तनाव की स्थिति है, विशेषकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय बर्ताव किया, जिसका जवाब हमारे वीर सैनिकों ने बहादुरी से दिया। उन्होंने आगे लिखा कि, इसी प्रकार लेह लद्दाख सरहद पर भी तनाव है। आपके नेतृत्व में भारत की सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया कि लेह लद्दाख के शिया मुसलमान ही नहीं पूरे भारत के शिया मुसलमान हमेशा की तरह भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए आपके हाथ हैं और भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के अवसर पर भी शिया मुसलमानों ने भारत की सेना का पूरा साथ दिया था। भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए आपके लिए गए फैसले में हमारी क़ौम देश के साथ है। वह अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटेगी। अपने पत्र में उन्होंने पैगंबर हजरत मोहम्मद की हदीस का वर्णन भी किया जिसमें कहा गया है कि “देश से प्रेम ईमान की निशानी है”।