शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी कहते हैं कि जब वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उस वक्त दिल्ली की सड़कों पर सिखों का कत्ल कर लाल कर दिया गया। उस वक्त अगर लोग जागरूक होते तो हजारों कश्मीरी पंडितों और सिखों को बचाया जा सकता था। रिजवी ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों को रात में धरने पर बैठाने वालों को चूड़ियां पहन लेना चाहिए।
सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के विरोध में पुराने लखनऊ में घंटाघर पर मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी।