शिवपाल सिंह यादव ने कहाकि जेल में मिलने वाली सुविधाओं में भ्रष्टाचार व्याप्त है। बंद कैदियों के साथ अमानवीय प्रताड़ना की शिकायत प्राप्त हो रही है। आपदा की आड़ में जनप्रतिनिधियों और परिजनों को मुलाकात से रोका जा रहा है। विश्वसनीय न्याय प्रणाली के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष कारागार व्यवस्था आवश्यक है।
निष्पक्ष व्यवस्था की मांग को लेते हुए शिवपाल यादव ने 10 जून को ट्वीट किया था। पर सरकार की तरफ से कोई उत्तर नहीं मिलने से नाराज शिवपाल ने आज जनप्रतिनिधियों के अधिकार को लेकर ट्वीट किया। और उसमें लिखा कि कोविड-19 की आड़ में जनप्रतिनिधियों के अधिकार सीज हैं, आपदा का हवाला देकर मुझे विभिन्न जिला कारागारों में बंद निरुद्ध कैदियों से मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि 14 दिन से अधिक बीत चुके हैं, आखिर जनप्रतिनिधियों का क्वारंटाइन कब खत्म होगा? लोकतंत्र को आईसीयू या वेंटिलेटर पर जाने से बचाएं!