फिल्म में दिखाया गया संघर्ष :- डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने अपनी फिल्म ‘श्रीराम जन्मभूमि की विजयगाथा’ में 1528 ई. से लेकर आज तक की कहानी दर्शाई है। फिल्म में दिखाया गया कि, बाबर के सेनापति ने राममंदिर को कैसे ध्वस्त किया था, राजाओं व आम लोगों ने राममंदिर की लड़ाइ कैसे और किन संकटों के बीच लड़ीं है। और अंत में राम मंदिर का बनना कैसे संभव हो पा रहा है। फिल्म में डा. द्विवेदी ने स्वयं अपनी आवाज दी है। लघु फिल्म में 1947 के बाद आजाद भारत में अयोध्या के राम मंदिर को लेकर महसूस किए गए श्रद्धा के उफान को भी दर्शाया गया है।
भूमि पूजन है फिल्म का अंत:- फिल्म में तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों से लेकर अदालती कार्यवाही का जिक्र है। रामलला की मूर्ति स्वयं से प्रकट हुई। पहली बार रामलला मंदिर का ताला खुलने, वर्ष 1984 में हुई विहिप की धर्म संसद में रामजन्म भूमि की मुक्ति के लिए समिति का गठन होना और वर्ष 1989 में 2.75 लाख गांवों में रामशिला पूजन के किए जाने को भी इसमें शामिल किया गया है। अनुसूचित जाति के कामेश्वर चौपाल से मंदिर निर्माण के शिलान्यास की घटनाओं बेहद मन लुभाने अंदाज में फिल्माया गया है। सरसंघचालक डा. मोहन भागवत की उपस्थिति में पीएम मोदी का भूमि पूजन करने के साथ ही फिल्म का अंत होता है।
Weather Update : एक बार फिर मचलेगा मौसम का मन, चलेगी शीत लहर गिरेगा पारा लगातार बढ़ रही है शेयर करने वालों की संख्या:- श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी दो दिन पहले अपने फेसबुक पेज पर लघु फिल्म ‘श्रीराम जन्मभूमि की विजयगाथा’ को पोस्ट किया था। जिसे रामभक्तों ने काफी पसंद किया है। अब तक करीब कई हजार लोग इस लघु फिल्म को देख चुके हैं जबकि 680 लोगों ने इस फिल्म को शेयर किया है। विश्व हिंदू परिषद ने इस फिल्म को अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल, इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर शेयर कर रही है।
लोग काफी पसंद कर रहे हैं:- विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहाकि, डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने स्वयं की प्रेरणा से इस लघु फिल्म का निर्माण किया है। इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। रामसेतु व पृथ्वीराज फिल्म के निर्माता व निर्देशक वहीं हैं।