सपा सांसद बर्क ने बुधवार कहा कि भाजपा हुकूमत ने मुल्क के लिए दी गई मुसलमानों की कुर्बानी को भुला दिया है। इसी मसले पर गुरुवार को सांसद डॉक्टर बर्क ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था, उसमें सुबूत नहीं आस्था को आधार बनाया गया था। ऐसे में जिस जगह मस्जिद थी वहां मस्जिद रहेगी। मस्जिद की जगह को कोई मिटा नहीं सकता है। फैसला दिए जाने के बाद एक जज को राज्यसभा में भेजना शक की सुई को मजबूत करता है। जब वर्ष 1949 में वहां मूर्ति रखी गई तो तत्कालीन प्रधानमंत्री ने तत्कालीन डीएम को मूर्ति हटाने का निर्देश दिया था लेकिन डीएम ने इस्तीफा दे दिया। बाद में वह भी जनसंघ से चुनाव लड़कर जीते थे। उन्होंने सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन किया। मैंने फैसला आने के बाद भी मुसलमानों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें धैर्य रखें और आज भी यही बात दोहराता हूं।