सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2019 को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे। इन निर्देश के आधार पर योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने पांच फरवरी को अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया। यह जमीन अयोध्या मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर के पीछे स्थित है। रौनाही अयोध्या के मुख्य मंदिर क्षेत्र के दायरे में नहीं आता है।
अयोध्या के रौनाही में मस्जिद के लिए मिली पांच एकड़ जमीन के लिए आज लखनऊ में सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक चल रही है। बैठक से पहले ही वक्फ बोर्ड में दो फाड़ हो गए। एक तरफ सैयद अहमद अली, चैयरमैन जुफर फारूकी, फारूक अहमद शाह समेत करीब सभी सदस्य बैठक के लिए पहुंचे हैं, वहीं दूसरी ओर बोर्ड के दो सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया है। बोर्ड के दो सदस्य अब्दुल रज्जाक और इमरान माबूद ने कहाकि शरीयत मस्जिद के बदले कुछ भी लेने की इजाजत नही देती।
सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष जुफर फारूकी ने इस मामले पर पहले ही कह दिया है कि वह इसे लेने से इन्कार नहीं कर सकते हैं। हालांकि, यह बोर्ड पर निर्भर करता है कि वह उस भूमि पर मस्जिद बनाए या कुछ और। साथ ही यदि जमीन पर मस्जिद निर्माण को लेकर सहमति बनती है तो अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर मस्जिद निर्माण के लिए भी ट्रस्ट के गठन का निर्णय होने की संभावना है। यह ट्रस्ट मस्जिद निर्माण के साथ ही वहां शैक्षिक व सामाजिक गतिविधियां संचालित करेगा। इस ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन रखे जाने की चर्चा है।