उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी ने जारी की 100 प्रत्याशियों की सूची खुशी दुबे नाबलिग थी :- खुशी दुबे गैंगस्टर विकास दुबे के खास गुर्गे अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी है। खुशी दुबे बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई हैं और इस मामले में काफी लंबे वक्त से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट में जब बुधवार को खुशी दुबे की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई तो उनके वकील विवेक तन्खा ने बताया कि जिस वक्त खुशी को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उस वक्त उसकी उम्र 17 साल और 10 महीने थी। और खुशी की शादी को सिर्फ 7 दिन ही हुए थे।
वो छोटी बच्ची है : वकील वकील ने कहा कि खुशी के पिता उसे घर ले जाना चाहते हैं, पर एक साल से ज्यादा समय से वो नारी निकेतन में है। विवेक तन्खा ने कहा, वो छोटी बच्ची है। उसकी शादी को एक हफ्ता भी नहीं हुआ था। उसे इस आरोप में गिरफ्तार किया गया कि उसने अपने पति (अमर दुबे) को ‘उकसाया’ था। उसके खिलाफ फ्रॉड और चीटिंग का केस भी दर्ज कर लिया गया, क्योंकि वो अपनी मां के नाम का सिम इस्तेमाल कर रही थी।
खुशी पर कई और मामले दर्ज :- वकील तन्खा ने कहाकि, खुशी को गिरफ्तार करने के बाद सरकार ने उसके खिलाफ चार महीने बाद और दूसरे मामले भी दर्ज कर लिए थे। उसके पिता पेंटर हैं और उसका इस सबसे कोई लेना-देना नहीं है।
जवाब दाखिल करे यूपी सरकार :- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने खुशी की याचिका पर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। पुलिस के अनुसार, खुशी ने पिछले साल तीन जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस अफसरों पर घात लगाकर किए गए हमले में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जबकि उसका कहना था कि इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से हुई बेल रिट खारिज :- निचली अदालत से बेल याचिका खारिज होने पर वह इलाहाबाद हाईकोर्ट गई थी और वहां दलील दी थी कि उसे एक सितंबर, 2020 को एक बोर्ड द्वारा किशोर घोषित किया गया। साथ ही कहा कि वह विकास दुबे के गिरोह का सदस्य नहीं थी।