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रामलला को बुरी नजर से बचाने के लिए 62 फुट ऊंचा ‘परदा’

locationलखनऊPublished: Feb 27, 2020 01:55:48 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

मंदिर निर्माण से पहले बनेगा सुरक्षा घेरा 12 फुट ऊंची पक्की चहारदीवारी फिर 50 फुट लगेगा ऊंचा परदा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को दूसरी बैठक

रामलला को बुरी नजर से बचाने के लिए 62 फुट ऊंचा 'परदा'

रामलला को बुरी नजर से बचाने के लिए 62 फुट ऊंचा ‘परदा’

लखनऊ. रामलला के नए मंदिर की सुरक्षा और उनको बुरी नजर से बचाने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। पूरे 70 एकड़ भूमि को 62 फुट ऊंचाई तक कवर किया जाएगा। सड़क छोड़िए छतों से भी कोई अंदर न झांक सके इसकी तैयारियां की जा रही है। साथ ही रामलला की नए स्थान पर अस्थाई स्थापना का अभी समय तय नहीं है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को दूसरी बैठक होने वाली है। इस बैठक में भवन निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा के शामिल होने की संभावना है। इसमें राममंदिर के भूमिपूजन का मुहूर्त, मंदिर में बदलाव, निर्माण का इंतज़ाम, लागत, कोष सहित कई अन्य मुद्दे पर चर्चा के साथ फाइनल मुहर लग सकती है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अस्तित्व के आने के बाद रामलला, उनके नए मंदिर और उनकी सुरक्षा को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने से पहले पुख्ता सुरक्षा घेरा कसने की तैयारी है। अभी तक रामलला को अस्थायी लोहे की मोटी पाइप, जालियों से घेर कर सुरक्षा की जा रही थी। पर अब रणनीति का जो नया खाका खींचा जा रहा है उसमें पूरी 70 एकड़ जमीन के चारों तरफ 12 फुट ऊंची पक्की चहारदीवारी खड़ी की जाएगी और फिर उसके उपर 50 फुट ऊंचा परदा लगाया जाएगा। जिससे अंदर क्या हो रहा है यह कोई न देख सके। निर्माण परिसर में सभी अंदर नहीं जा सकेंगे, जिसके पास प्रवेश की अनुमति होगी वहीं व्यक्ति या वाहन अंदर जा सकेगा।
नए स्थान पर शिफ्ट करने की तारीख तय नहीं :- भूमि पूजन से पहले 70 एकड़ भू-भाग की मजबूत ईंट की सीमेंटेड चहारदीवारी का काम करने पर चर्चा है। वहीं रामलला को नए स्थान पर कब शिफ्ट किया जाए इस पर विचार चल रहा है। ट्रस्ट के पदेन सदस्य अयोध्या डीएम अनुज कुमार झा कहते हैं कि रामलला को नए स्थान पर ले जाने का समय अभी तय नहीं है। अभी आधारभूत संरचनाओं को मुहैया कराने की योजना बन रही है। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के आने के बाद ही परिसर की सुरक्षा से लेकर रामलला को नए गर्भगृह में ले जाने और राममंदिर निर्माण की रणनीति बन सकती है।
पहले सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस तब स्थापना :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि रामलला की नए स्थान पर स्थापना के पहले ट्रस्ट के सामने कई सारी मुश्किलें और कठिनाइयां हैं, जिसको ट्रस्ट पहले विभिन्न एजेंसियों से चर्चा करके दूर करेगा। सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता।
ट्रस्ट की शनिवार को दूसरी बैठक :- अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को दूसरी बैठक होने वाली है। बैठक में ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा भी शामिल होंगे। जिसमें राममंदिर के भूमिपूजन का मुहूर्त निकलेगा। बताया जा रहा है कि हनुमान जयंती या अक्षय तृतीया के मुहूर्त में किसी एक पर विचार किया जा सकता है।
कई एजेंडे पर होगा मंथन :- भवन निर्माण समिति 28 और 29 फरवरी को नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक कर रामलला मंदिर के भवन निर्माण के सभी बिंदुओं पर विचार करेगी। सबसे पहले भूमि के सर्वेक्षण, माप और मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के काम पूरे किए जाएंगे। इसके बाद सक्षम निर्माण कंपनियों से नक्शे और डिजाइन के मुताबिक निविदा आमंत्रित की जाएगी।
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