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अयोध्या शहर को शीघ्र मिल सकती है खुशखबरी, यूनेस्को दे सकता है बड़ा तोहफा

locationलखनऊPublished: Jan 04, 2020 04:02:43 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

यूनेस्को के तए किए गए 10 मानकों में से सात पर अयोध्या खरी उतरी है।

अयोध्या शहर को शीघ्र मिलेगी खुशखबरी, यूनेस्को दे सकता है बड़ा तोहफा

अयोध्या शहर को शीघ्र मिलेगी खुशखबरी, यूनेस्को दे सकता है बड़ा तोहफा

लखनऊ. अयोध्या शहर के लिए खुशियों का दरवाजा खुल गया है। दो वर्ष के अंदर अयोध्या को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित कर सकती है। यूनेस्को के तए किए गए 10 मानकों में से अयोध्या सात मानकों पर खरी उतरती है। इससे पहले यूनेस्को ने भारत में गुजरात के शहर अहमदाबाद को विश्व धरोहर (वर्ल्ड हेरिटेज सिटी) घोषित किया है।
अयोध्या के पौराणिक विरासत को सहेजने का प्रयास केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार से किया जा रहा है। यूनेस्को के तए किए गए 10 मानकों में से सात पर अयोध्या खरी उतरी है। सर्वे का काम पूरा हो चुका है, 400 पन्नों की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इसके साथ ही नगर निगम के साथ मिलकर एक टीम गठित की जा चुकी है। शीघ्र ही इसकी बैठक होगी। माना जा रहा है कि अगले दो वर्षों में अयोध्या को यह गौरव मिल सकता है।
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया कि अयोध्या को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी बनाने के लिए अब तक 24 सेमिनार हो चुके हैं। यूनेस्को की टीम भी अयोध्या का दौरा कर चुकी है। सर्वे की रिपोर्ट भी शासन को भेजी जा चुकी है। शासन की तरफ से एक टीम गठित की जा चुकी है। परिस्थिति तंत्र व जैव विविधता के फलक पर रामनगरी की अनदेखी करना कठिन है। अगले दो वर्षों में अयोध्या वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शामिल हो जाएगी।
सर्वेक्षण अंतिम दौर में :- यह सर्वेक्षण अंतिम दौर में है। मिसाल के तौर पर कनकभवन, हनुमानगढ़ी और वाल्मीकि रामायण भवन जैसे मंदिर है। यह मानक सप्तहरियों के पौराणिक मंदिरों से भी परिपूर्ण होता है। पौराणिक परंपरा के अनुसार लाखों वर्ष पूर्व महाराज मनु के समय से ही नगरी की ऐतिहासिकता है और यदि आधुनिक इतिहास की दृष्टि से देखें तो भी नगरी की प्राचीनता नौवीं शताब्दी ईसा पूर्व से प्रमाणित है।
नौका की शक्ल अयोध्या :- सरयू के जमथरा के तट से लेकर संत तुलसीघाट तक सर्वे के दौरान सेटेलाइट से अयोध्या का जो भूदृश्य प्राप्त हुआ, वह नौका की शक्ल में है और यह चित्र अयोध्या के संस्थापक माने जाने वाले मनु की उस परंपरा को जीवंत करता है जिसमें पुराण बताते हैं जल प्रलय के दौरान मनु नौका से अयोध्या के तट पर पहुंचे थे।
अयोध्या की विशेषताएं :- अयोध्या की ये कुछ विशेषताएं हैं जो वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के रूप में प्रतिष्ठापित करने का आधार बनेगी। उनमें कनकभवन, हनुमानगढ़ी, चंद्रहरि, नागेश्वरनाथ और बड़ी छावनी, छोटी छावनी मठ उल्लेखनीय है। कनकभवन को लेकर मान्यता है कि यह माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था। हनुमानगढ़ी रामनगरी के सिद्धपीठों में अहम है।
नागेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना महाराज कुश ने की थी। वाल्मीकि रामायण भवन में संगमरमर की दीवार पर रामायण के 24 हजार श्लोक दर्शाए गए हैं। यह भारत में केवल एक मात्र ऐसी जगह है। अयोध्या सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व भी करती है। यहां हजारों हिंदू मंदिर, 100 मुुुस्लिम स्थान व मस्जिद, सिख गुरुद्वारा, पांच जैन मंदिर व प्राचीन बौद्ध स्थल हैं। यहां मुस्लिम समुदाय के सूफियों की कब्र भी हैं। अयोध्या की रामलीला पहले ही यूनेस्को में शामिल हो चुकी है।
ये हैं वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के दस मानक:-
1. मानव रचनात्मकता का उत्कृष्ट प्रतिनिधित्व
2. वास्तुकला एवं स्मारकों में निहित मानव मूल्य
3. सांस्कृतिक परंपरा की प्राचीनता एवं निरंतरता
4. भू दृश्य एवं वास्तु की उत्कृष्टता
5. परंपरागत निवास स्थल
6. सांस्कृतिक उत्तरजीविता
7. जीवंत परंपरा एवं अमूर्त धरोहर
8. प्राकृतिक सुंदरता
9. पारिस्थितिकी
10. जैव विविधता

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