एकेटीयू लाएगा ई-लर्निंग पोर्टल एकेटीयू नए साल पर अपना एक लर्निंग पोर्टल शुरू करेगा। पोर्टल का लाभ यूपी के लाखों इंजीनियरिंग के छात्रों और वहां की फैकल्टी को मिलेगा। वह अपने संबंधित विषय की पढ़ाई आसानी से ऑनलाइन कर सकेंगे। आगामी सेमेस्टर से इसकी शुरुआत होगी। इसी साल एमएचआरडी और एआईसीटीई ने ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल ‘स्वयं’ की शुरुआत की है। पोर्टल पर इंजीनियरिंग के तमाम कोर्स मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसी तर्ज पर एकेटीयू लर्निंग पोर्टल शुरू करेगा। जिसमें एकेटीयू व उससे संबद्ध कॉलेजों के शैक्षिक अपने-अपने विषयों से संबंधित लेक्चर आदि रिकार्ड कर कोर्स का मैटेरियल उपलब्ध कराएंगे।
टेक्निकल एजुकेशन इंप्रूमेंट प्रोग्राम के कॉर्डिनेटर एसपी शुक्ला के मुताबिक पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सों को आईआईटी के प्रोफेसरों ने तैयार किए हैं। जो काफी उच्चस्तरीय हैं। आईआईटी के छात्रों को पढ़ाई में पूरा लाभ मिल रहा है। वहीं अन्य छात्रों के लिए यह कोर्स थोड़े कठिन साबित हैं। यही वजह है कि एकेटीयू अपनी पढ़ाई के स्तर से इन छात्रों को कोर्स उपलब्ध करवाने के लिए यह कवायद शुरू कर रहा है।
अरबी फारसी की मार्कशीट पर होगा क्यू-आर कोड राजधानी स्थित मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी यूनिवर्सिटी अपनी मार्कशीट और अधिक सुरक्षित करेगा। इसके तहत स्टूडेंट्स को क्यूआर कोड युक्त मार्कशीट बांटी जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.माहरूख मिर्जा ने बताया कि विद्यार्थियों की अंकतालिका उच्च सुरक्षा उपायों से लैस होगी। पहली बार अंकतालिका को क्यूआर कोड से लैस किया जा रहा है। इससे एक ओर जहां अंकतालिका को फर्जी बनाने की संभावना कम होगी, तो वहीं दुनिया के किसी भी कोने में इसकी प्रमाणिकता की जांच की जा सकेगी। प्रो. मिर्जा ने बताया कि अभी तक पहले सेमेस्टर की अंक तालिका के लिए पांचवें सेमेस्टर तक प्रतीक्षा करनी होती थी। समय से अंक तालिका नहीं मिलती थी, लेकिन अब परिणाम जारी होने के बाद तुरन्त विद्यार्थी को अंकतालिका मिलेगी।
एलयू में ऑनलाइन चेक होंगे दस्तावेज
लखनऊ यूनिवर्सिटी का नेशनल सिक्युरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया। इसके तहत एलयू के छात्रों के सभी दस्तावेज ऑनलाइन डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। इससे अकेडमिक रेकॉर्ड के वैरिफिकेशन में काफी आसानी होगी। अभी एलयू में इसके लिए आवेदन करना होता है और कई दिन का समय लगता है। एलयू वीसी प्रो एसपी सिंह और एनएसडीएल के निदेशक अभिषेक मिश्रा की मौजूदगी में यह एमओयू साइन किया गया। डीटीपी सेल के मुख्य प्रो. अनिल मिश्र ने बताया कि बहुत से ऐसे मामले आते हैं जिनमें छात्रों का विवरण गलत दर्ज हो जाता है। कभी उनके नाम में तो कभी उनके अभिभावकों या अन्य गलतियां हो जाती हैं। अब इन सभी गलतियों को छात्र खुद ही सुधार सकेंगे। छात्र को जो लॉगिन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा, उसकी मदद से छात्र यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से अपना पूरा ब्योरा चेक कर सकेगा। यदि उसमें कोई गलती होती है तो वह एडिट कर उसे सही कर सकेगा। प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसका एक प्रिंट्र में जमा करना होगा।