पीएम नरेन्द्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहाकि, नागरिकों का निर्माण संस्थानों से होता है। यूनिवर्सिटी के विस्तार पर चर्चा करते हुए कहाकि लोकल उत्पाद से जुड़े हुए कोर्स शुरू हों। लोकल उत्पादों पर ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना पर पीएम ने कहाकि, देश कोरोनावायरस से बड़े संयम के साथ लड़ रहा है। उन्होंने कहाकि इच्छाशक्ति की बहुत जरूरत होती है, इच्छाशक्ति से बहुत कुछ बदला जा सकता है।
पीएम मोदी भी कार्यक्रम के साक्षी बनें :- लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। इससे करीब 160 महाविद्यालय संबंद्ध हैं। अपने सौ साल पूरे करने वाले देश में सिर्फ नौ विश्वविद्यालय हैं। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय भी शामिल है। 19 नवंबर से शुरू हुए लखनऊ शताब्दी वर्ष समारोह 25 नवंबर तक चला। इस समारोह में इस विश्व विद्यालय में पढ़ी तमाम नामचीन हस्तियों ने आकर अपनी प्रस्तुति दी और पढ़ रहे छात्रों से अपने पढ़ाई के दौरान के अनुभव शेयर किए। ढेर सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। नए पुराने सभी छात्र इन सांस्कृतिक कार्यक्रम को देख मंत्र मुग्ध हो गए। विश्वविद्यालय की सजावट ने सबका मन मोह लिया। समारोह ने छह दिन खूब समां बंधा। और 25 नवम्बर को समापन दिवस पर पीएम मोदी भी इस कार्यक्रम के साक्षी बन गए।
स्मारक सिक्के की खासियत :- लखनऊ विश्वविद्यालय के नाम पर जारी किए गए 100 रुपए का हेरिटेज सिक्का मुंबई में सरकारी टकसाल में ढाला गया है। इसे बनाने में चारर धातुओं सिल्वर, ब्रॉन्ज, कॉपर और निकल का उपयोगी किया गया है। मैसूर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसके 100 वर्ष पूरे होने पर स्मारक सिक्का जारी किया गया है। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीकानेर के जाने-माने मुद्राविद सुधीर लूनावत के अनुसार, यह एक नॉन-सर्कुलेटिंग सिक्का है और इसमें वर्ष, 1920-2020 के साथ-साथ अंग्रेजी और हिंदी में उत्कीर्ण लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह है और केंद्र में विश्वविद्यालय का लोगो बना हुआ है।
लविवि का इतिहास और भूगोल दोनों गौरवमयी : राजनाथ सिंह लखनऊ विश्ववि़द्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंंह ने कहाकि, लखनऊ विश्वविद्यालय केे 100 साल भारतीय शिक्षा जगत की ऐतिहासिक घटना है। भारत के सबसे पुराने संस्थानों में से एक है। भारतीय राजनीति स्वतंत्रता आन्दोलन के समय ये विश्वविद्यालय बना। जब कोई संस्था सौ साल पूरे करती है, जब कोई संस्थान लम्बे समय तक टिका रहा तो तय है कि नींव मजबूत थी। लविवि का इतिहास और भूगोल दोनों गौरवमयी हैंं।