दुबई की कंपनी से एमओयू के बावजूद छात्रों को नहीं पसंद बता दें कि एक डिप्लोमा कोर्स में तो दुबई की कंपनी के साथ एमओयू तक हुआ लेकिन कुछ काम नहीं आया। माइनिंग के कोर्स के लिए दुबई की बीएमआरसी कंपनी के साथ एमओयू हुआ था। इसके लिए कंपनी की ओर से लाखों रुपये के सॉफ्टवेयर मुहैया करवाए गए थे। इन कोर्सों में सीटों के बराबर भी आवेदन नहीं आ सके। ज्यादा एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी ने एडमिशन की नीतियों तक में बदलाव कर दिया। जहां बाकी डिप्लोमा कोर्सों में कोई भी अभ्यर्थी सीधे दाखिला नहीं ले सकता वहीं इन कोर्सों में सीधे दाखिले तक की अनुमति दे दी गई। एलयू के विभाग अब अपने डिप्लोमा कोर्सों की समीक्षा करेंगे कि उन्हें संचालित करना चाहिए या हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए। विवि में इस बार 48 डिप्लोमा पाठ्यक्रम में महज 121 आवेदन ही आए हैं।
रेगुलर कोर्सेज की भी कई सीटें खाली
एलयू में बीए रेग्युलर की 40 और बीए ऑनर्स की 50 सीटें खाली रह गई हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय के पास अब इन सीटों को सामान्य कैटिगरी में बदलने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं है। एडमिशन को-ऑर्डिनेटर अनिल मिश्रा ने बताया कि बीएससी की काउंसलिंग चल रही है। शनिवार को कुल 30 सीटें बची हैं, बाकी सभी सीटें भर गई हैं। बची हुई सीटों पर ओपन कैटिगरी के वेटिंग के अभ्यर्थियों को ऐडमिशन का मौका देंगे। साथ में एससी से सिलेक्टेड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करेंगे।
एलयू में बीए रेग्युलर की 40 और बीए ऑनर्स की 50 सीटें खाली रह गई हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय के पास अब इन सीटों को सामान्य कैटिगरी में बदलने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं है। एडमिशन को-ऑर्डिनेटर अनिल मिश्रा ने बताया कि बीएससी की काउंसलिंग चल रही है। शनिवार को कुल 30 सीटें बची हैं, बाकी सभी सीटें भर गई हैं। बची हुई सीटों पर ओपन कैटिगरी के वेटिंग के अभ्यर्थियों को ऐडमिशन का मौका देंगे। साथ में एससी से सिलेक्टेड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करेंगे।