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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, रणनीति जानकर कहेंगे सही है

locationलखनऊPublished: Feb 23, 2020 07:05:28 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा पार्टियों का अकेले चुनाव की घोषणा सिर्फ अपने निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप करना है और भाजपा के मुकाबले अपनी खोई जमीन को जितना भी वापस मिल सकें, उसकी तैयारी करना है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा,यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा,यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर सभी छोटी बड़ी पार्टियों ने कमर कस ली है। समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ के एक कार्यक्रम में एक बार फिर कहा सपा किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी तो उसी वक्त नई दिल्ली में अपने बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं संग बैठक कर रही बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा हम भी यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। इस पहले देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस ने भी अकेले चुनाव लड़ने का दावा किया है। पर भाजपा आज की सबसे बड़ी पार्टी है, वह पहले से तय पार्टिंयों संग चुनाव में जाएगी। इन पार्टियों का अकेले चुनाव की घोषणा सिर्फ अपने निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप करना है और भाजपा के मुकाबले अपनी खोई जमीन को जितना भी वापस मिल सकें, उसकी तैयारी करना है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा
बसपा की तमाम कमेटियां का होगा पुनर्गठन :- प्रियंका के सहारे कांग्रेस प्रदेश में जगह जगह पर आंदोलन कर जनता के बीच अपनी पेठ बना रही है वहीं अखिलेश की अगुआई में भी समाजवादी पार्टी योगी सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रही है। दोनों पार्टियां कुछ कर रहीं पर बसपा चुप है। पार्टी के बड़े नेता बसपा का साथ् छोड़ दूसरी विरोधी पार्टियों के झंड़े पकड़कर नारे लगा रहे हैं। अब जरा यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बसपा की हाल पर नजर डालते हैं। मायावती सिर्फ 19 सीटें जीत पाई जबकि वर्ष 2013 के चुनाव में बसपा के पास 80 जीते विधायक थे। और दूसरे नंबर पर रही बसपा का वोट प्रतिशत 25.91 रहा। विधानसभा चुनाव 2017 में बसपा के हक में कुल 22.2 फीसदी वोट पड़े। अब विधानसभा चुनाव 2022 आने वाले है, बहुजन समाज पार्टी का ने भी चुप्पी तोड़ते हुए दिल्ली बैठक में कई परिवर्तन किए। जिसमें प्रबंधन से स्नातक अपने भतीजे आकाश आनंद को युवाओं के बीच पैठ बनाने के लिए नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया। साथ संगठन को मजबूत करने के लिए बसपा की तमाम कमेटियां का पुनर्गठन किया जाएगा। इन कमेटियों की सीधी रिपोर्ट आकाश आनंद को होगी।
समाजवादी पार्टी रख रही फूंक फूंक कर कदम :- समाजवादी पार्टी इस बार बहुत फूंक फूंक कर कदम रख रही है। कहावत है दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है। समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस के संग गठबंधन कर चुनाव लड़ा। सपा का राज भी गया और ताज भी। इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी को 47 सीट ही मिल पाई। सपा को इन चुनावों में कुल 21.8 फीसदी वोट मिले। कांग्रेस के राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी अपनी राह चल दिए। उसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में हाथी और साइकिल मिलकर चलें। पर सपा की सात सीटें घटकर न केवल पांच रह गईं, बल्कि परिवार के तीन सदस्यों की भी सीट चली गई। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा का वोट प्रतिशत 17.96 फीसद ही रहा। इससे जहां कार्यकर्ताओं में नाराजगी आई और कार्यकर्ता निराश भी हो गए। यहीं सोच कर अखिलेश यादव ने साफ साफ कह दिया है कि समाजवादी पार्टी 2022 में अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी, स्थानीय स्तर पर कुछ एडजेस्टमेंट जरूर हो सकता है। इस बयान के बाद सपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा
प्रियंका हैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए संजीवनी :- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मृतप्राय है पर महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं के लिए संजीवनी बन गईं हैं। प्रदेश में मुद्दे पर प्रियंका का उत्साह देखकर कार्यकर्ता उत्साहित होते हैं। चुनाव के लिए अभी पूरे दो साल हैं प्रियंका अगर इसी ढंग से मुद्दों को लेकर लड़ती रही तो संभवत: आने वाले चुनाव में यूपी में कांग्रेस पुनर्जीवित हो जाए। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में साइकिल का साथ रास नहीं आया उसे सिर्फ सात सीटें ही मिलीं। कांग्रेस ने इन चुनावों में 114 स्थानों पर अपनी दावेदारी पेश की, पर मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस को 6.2 प्रतिशत वोट मिले। अगर बात वर्ष 2012 के चुनावों की बात करते हैं तो उस वक्त कांग्रेस ने 28 सीटों पर विजय प्राप्त की थी, कांग्रेस को 11.65 प्रतिशत वोट मिले थे। इसलिए आगामी चुनाव में कांग्रेस अपनी हैसियत आंकना चाहेगी। इसलिए बिना गंठबंधन के लड़ने को तैयार है।
कार्यकर्ता मुस्तैद और नेता हर मोर्चा पर तैनात :- इन सब में सबसे बेहतर स्थिति कमल की दिख रही है, चारों तरफ कार्यकर्ता मुस्तैद है, और नेता भी हर मोर्चा पर तैनात है। बूथ स्तर पर तैयारी चल रही है। सभी ज्वलंत मुद्दों के बारे में जनता को पार्टी कार्यकर्ता और पार्टी के बड़े नेता क्लियर कर रहे हैं। फिर यूपी में सरकार भी भाजपा की है। विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने कुल 384 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 11 सीटों पर अपना दल और 8 सीटों पर एसबीएसपी चुनव लड़ी। पहली बार 325 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल किया है। वोट शेयर की अगर बात करते हैं तो कुल 39.7 फीसद वोट मिले। अपना दल को 1.0 फीसद और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 0.7 फीसद वोट मिले, यानि बीजेपी के पक्ष में कुल 41.4 फीसद वोट पड़े। जरा अब विधानसभा-2012 पर नजर डालते हैं इस चुनाव में भाजपा को 47 सीटें मिली और उसका वोट प्रतिशत 15.21 रहा। अगर कोशिश ऐसी रहीं तो भाजपा को प्रदेश में दोबारा सरकार बना सकती है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : निराश कार्यकर्ताओं को बूस्टअप कर रहे सभी दल, गठबंधन से किया किनारा
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