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यूपी की सीमाएं सील तो भड़के घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिक

locationलखनऊPublished: May 17, 2020 04:51:00 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

-प्रवासी श्रमिकों को पैदल, अवैध या असुरक्षित वाहनों से यात्रा न करने दिया जाए, सीएम का निर्देश-सहारनपुर में 46 बसों से बिहार भेजा गया -यूपी-एमपी बॉर्डर पर 20 किमी लंबा जाम -दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर मजदूरों का हुजूम-मथुरा हाईवे पर लगाया जाम

यूपी की सीमाएं सील तो भड़के घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिक

यूपी की सीमाएं सील तो भड़के घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिक

लखनऊ. नौ राज्यों से लगी यूपी की सड़कों पर दूर-दूर तक प्रवासी मजदूरों का हुजूम दिखाई दे रहा है। चाहे वह यूपी में आ रहा हो या यूपी से अपने गृह राज्यों में अपने गांव जा रहा हो। सरकार हैरान और परेशान है। औरैया में हुए सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बेहद सख्ती से कहा कि एक भी श्रमिक पैदल या किसी वाहन में छुपकर या निजी वाहन से यूपी में प्रवेश करेगा तो बॉर्डर के थाने के थानेदार इसके लिए जिम्मेदार होंगे। बस फिर क्या था बार्डर पर सख्ती शुरू हो गई। सीमाएं सील कर दी गई। और सीमाओं की तस्वीर बदल गई। इसके बाद चाहे वो सहारनपुर में अंबाला हाईवे हो, गाजीपुर-यूपी बॉर्डर हो, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में रक्सा के पास झांसी में प्रवेश मार्ग हो या फिर मथुरा थाना फरह क्षेत्र में मथुरा हाईवे को बंद करने का मामला सब जगह प्रवासी मजदूरों की एंट्री बंद। कई घंटों के इंतजार के बाद खाली जेब और भूख-प्यास से बिलबिला रहे मजदूरों ने बगावत शुरू कर दी। नारेबाजी और विरोध करने लगे। इन सभी जगह एक जैसा नजारा दिख रहा था। प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई। पीड़ित जिलों के आला अफसरों ने मजदूरों को समझाया। पर सब प्रवासी मजदूरों की सिर्फ एक ही मांग थी घर जाना है, किसी तरह व्यवस्था कर घर पहुंचाएं।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया की घटना के बाद सभी फील्ड अफसरों को निर्देश दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को पैदल, अवैध या असुरक्षित वाहनों से यात्रा न करने दिया जाए। सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी श्रमिक आ रहे हैं, उन्हें बार्डर पर विवरण लेते हुए भोजन-पानी की व्यवस्था की जाए। उनकी स्क्रीनिंग की जाए। उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से घर पहुंचाया जाए। किसी भी प्रवासी को सड़क या रेलवे लाइन पर न चलने दिया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रत्येक बार्डर पर 200 बसें लगाई गई हैं। सभी बार्डर के जनपदों में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
सहारनपुर में 46 बसों से बिहार भेजा गया :- सहारनपुर में रविवार सुबह प्रवासी मजदूरों ने अंबाला हाईवे जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया। स्थानीय पुलिस पर सैकड़ों मजदूर भारी पड़े तो आरएएफ को मौके पर बुलाया गया। कुछ श्रमिकों ने वाहनों पर डंडों से प्रहार किया। श्रमिकों का कहना है कि उनके पास खाने-पीने के लिए न तो राशन है न ही उनके पास पैसे हैं। वे अपने घर जाना चाहते हैं। प्रशासन और सरकार से मांग कर रहे हैं कि किसी तरह उन्हें उनके राज्य बिहार भिजवा दिया जाए। मौके पर पहुंचे डीआईजी उपेंद्र कुमार ने किसी तरह श्रमिकों को शांत कराया। हंगामा के बाद प्रशासन ने लगभग 46 बसों का इंतजाम किया। ये सभी बसें इन श्रमिकों को गोरखपुर के रास्ते बिहार बॉर्डर तक छोड़ेंगी। इसमें परिवार वालों को प्राथमिकता दी गई।
अब तक यूपी में 449 ट्रेनें आ चुकी हैं। इन ट्रेनों से 5.64 लाख लोग यात्रा कर चुके हैं। 286 और ट्रेनों के संचालन को सहमति दी गई है। और अब तक बस, ट्रेन और पैदल लगभग 13.50 लाख प्रवासी मजदूर घर वापसी कर चुके हैं।
यूपी-एमपी बॉर्डर पर 20 किमी लंबा जाम :- उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने रक्सा के पास से एक भी निजी वाहनों को झांसी में प्रवेश नहीं करने दिया। जिससे हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूरों के वाहनों के पहिए रक्सा बॉर्डर पर रुक गए है। प्रवासी मजदूर अपने प्राइवेट वाहनों से नहीं उतरने की जिद पर अड़ गए हैं। जिससे झांसी के रक्सा बॉर्डर पर 20 किलोमीटर लम्बा जाम लग गया है। शनिवार रात से भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है। प्रवासी मजदूरों के बढ़ते हंगामे को देख बॉर्डर पर कई कम्पनी पीएसी बुला ली गई है। प्रवासी मजदूर रोडवेज़ की बसों में बैठने को तैयार नहीं हो रहे हैं।
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर मजदूरों का हुजूम :- गाजीपुर-यूपी बॉर्डर पर कई प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने रोक रखा हैं। इस वजह से बॉर्डर पर काफी भीड़ बढ़ गई है। नाराज मजदूर बार-बार ट्रैफिक रोकने की कोशिश कर रहे थे, पर ट्रैफिक पुलिस की मुस्तैदी से बार बार असफल हो जाते। वहां मजदूरों का कहना है कि छह महीने से काम कर रहे थे, लेकिन जब हालात बदतर हो गए तो उन्हें पैदल चलना पड़ा। एक तरफ सरकार उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पा रही है, साथ ही अब उन्हें वापस घर लौटने भी नहीं दिया जा रहा है। बहुत सारे परिवार बॉर्डर पर ही रोक लिए गए हैं। अभी तक उनका कोई हल नहीं निकला गया है।
मथुरा हाईवे पर लगाया जाम :- मथुरा में रविवार सुबह प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया। मथुरा में थाना फरह क्षेत्र में मजदूरों ने हाईवे पर जाम लगाकर आक्रोश व्यक्त किया। मजदूरों ने हंगामा किया और टायर रखकर आग लगा दी। नाराज मजदूरों का कहना था कि वह दो-तीन दिन से भूखे प्यासे हैं। उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। अब पैदल भी नहीं चलने दिया जा रहा है। घर तक पहुंचने के लिए वाहन भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। करीब ढाई हजार मजदूर इस क्षेत्र में परेशान हाल घूम रहे हैं।
मथुरा एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि मजदूरों की भीड़ अचानक हाईवे पर आ गई और जाम लगा दिया। आखिरकार पुलिस-प्रशासन ने ट्रक में बैठा कर फिर से मजदूरों को भेजना शुरू किया है। एसएसपी के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन से लेकर उनको घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
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