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यूपी वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए योगी कैबिनेट ने बाइ सर्कुलेशन कंसलटेंट चयन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

locationलखनऊPublished: Sep 05, 2020 01:11:02 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

मोदी के सपने को पूरा करने के लिए यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमर कसी

यूपी वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए योगी कैबिनेट ने बाइ सर्कुलेशन कंसलटेंट चयन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

यूपी वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए योगी कैबिनेट ने बाइ सर्कुलेशन कंसलटेंट चयन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

लखनऊ. देश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियन (50 खरब) डॉलर करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi cabinet) ने कमर कस ली है। पीएम मोदी के लक्ष्य को पूरा करने में उत्तर प्रदेश राज्य की अहम भूमिका है। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन (10 खरब) डॉलर (UP One Trillion Dollar Economy) करने की रणनीति तैयार कर ली है। इस अहम कार्य को पूरा करने के लिए योगी सरकार कंसल्टेंट का चयन करेगी। योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को बाइसर्कुलेशन कंसलटेंट चयन के प्रस्ताव को (By circulation Consultant Selection Proposal Approve) मंजूरी दी है।
देश की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन (50 खरब) डॉलर करने में यूपी ने अपनी सहभागिता निभाने के लिए 2024-25 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दस खरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए सुझाव देने, नियमित समीक्षा करने और कंसलटेंट के चयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। उच्चाधिकार समिति ने कंसलटेंट के चयन लिए (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) आरएफपी तैयार किया है। आरएफपी के आधार पर कंसलटेंट चयन के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। टेंडर में उच्चाधिकार समिति के सहयोग के लिए एक सब-ग्रुप भी गठित किया जाएगा।
सब-ग्रुप आरएफपी के आधार पर ई-टेंडर में प्राप्त होने वाले प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उसे उच्चाधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा। उच्चाधिकार समिति द्वारा प्रजेंटेशन के लिए संस्थाओं को शार्टलिस्ट किया जाएगा और आरएफपी की शर्तों के अनुसार कंसलटेंट का चयन किया जाएगा।
कसलेंट का चयन पांच वर्ष की अवधि के लिए किया जाएगा। कंसलटेंट को 150 दिन में अपनी तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। तकनीकी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के क्रियान्वयन के लिए सरकार के विभिन्न विभागों को सहयोग भी करना होगा।
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