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क्वारंटाइन का रियल्टी चेक : फर्रुखाबाद में कागज पर कुछ हकीकत में कुछ, आजमगढ़-कौशाम्बी की हालात कुछ ठीक

locationलखनऊPublished: Apr 01, 2020 06:52:27 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश के बाद 75 जिलों में राहत सेंटर, क्वारंटाइन रूम या शेल्टर होम बनाए गए हैं। गांवों में स्कूल और पंचायत घरों में पहले 14 तक इन लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। समय पूरा होने पर ही घर में भेजा जाएगा। पर जब रियल्टी चेक की गई तो फर्रुखाबाद के क्वारंटाइन में कागज पर कुछ हकीकत में कुछ मिला। आजमगढ़ की चुनौती संदिग्धों की पहचान है तो कौशाम्बी में सब ठीक है।

क्वारंटाइन का रियल्टी चेक : फर्रुखाबाद में कागज पर कुछ हकीकत में कुछ, आजमगढ़-कौशाम्बी की हालात कुछ ठीक

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस लॉकडाउन में बहुत सारे मजदूर और अन्य लोगों ने घर वापसी की है। पर इसमें कौन कोरोना वायरस पाजिटिव है यह तय करना बेहद मुश्किल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश के बाद 75 जिलों में राहत सेंटर, क्वारंटाइन रूम या शेल्टर होम बनाए गए हैं। गांवों में स्कूल और पंचायत घरों में पहले 14 तक इन लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। समय पूरा होने पर ही घर में भेजा जाएगा। पर जब रियल्टी चेक की गई तो फर्रुखाबाद के क्वारंटाइन में कागज पर कुछ हकीकत में कुछ मिला। आजमगढ़ की चुनौती संदिग्धों की पहचान है तो कौशाम्बी में सब ठीक है।
क्वारंटाइन हकीकत कुछ और :- फर्रुखाबाद में क्वारंटाइन हकीकत कुछ अलग ही देखने को मिली। लॉक डाउन के बाद से पूरे देश से मज़दूरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। प्रशासनिक दावे के अनुसार फर्रुखाबाद में भी लगभग 12 हज़ार मज़दूर दिल्ली जयपुर नोएडा स्थानों से पलायन कर फर्रुखाबाद पहुंचे है। इन में 2 हज़ार को क्वारंटाइन के लिए रखा गया है। लेकिन क्वारंटाइन स्थलों की जब ज़मीनी हकीकत परखी गयी तब सच सामने आया।
तीन कोरेन्टाइन स्थलों में जसमई गांव में सिर्फ 8 व्यक्ति जबकि रजिस्टर में 64 व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं। यहां जो मिले इनका चिकित्सीय परीक्षण भी नहीं किया गया। दूसरे क्वारंटाइन स्थल नगला खैरबंद पहुंचे तो एक स्कूल महावीर इंटर कालेज में बाहर बोर्ड लगा था लेकिन कालेज गेट पर ताला लगा था। ग्रामीणों ने बताया यहां कल प्रधान ने सिर्फ गद्दे भेजे है लेकिन कोई भी बाहर से आया नहीं है। कुइयां में स्कूल में क्वारंटाइन स्थल बनाया गया जहां भी ताला लगा मिला। जबकि इस जगह क्वारंटाइन स्थल की सूची में 30 लोग को दिखाया गया है। यदि एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुआ तो कितने लोगों को संक्रमित करेगा। ज़मीनी हकीकत देख कर लगता नहीं है कि जिला प्रशासन गंभीर है।
आजमगढ़ प्रशासन के पास बड़ी चुनौती :- आजमगढ़ में कोरोना का संकमण रोकना जिला प्रशासन के लिए के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। जिला प्रशासन अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को क्वारंटाइन किया जाए। इसके लिए जिले के अस्पतालों में 850 बेड के क्वारंटाइन वार्ड बनाए गए है। अब तक यहां बाहर से आए करीब आठ हजार लोेगों को उनके घर अथवा अस्पतालों में क्वारंटाइन किया गया है।
वहीं जिले में 14 लोग संदिग्ध चिन्हित किए गए जिनके जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। तैयारियों के साथ कुछ दिक्कतें सामने आ रही है। जनता हिदायतें नहीं मान रही है। साथ ही किसी संदिग्ध के बारे में पता चलने पर उस अस्पताल ले जाने में रोड़ा अटकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता की कमी है। 50 लाख आबादी वाले जिले के एक सरकारी अस्पताल में सिर्फ चार वेंटिलेटर है। आजमगढ़ से तबलगी जमात की मरकज में दो दर्जनों ने हिस्सा लिया है। इनको चिन्हित कर क्वारंटाइन करना प्रशासन के लिए असल चुनौती है। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने जमात में शामिल लोगों के लिए सख्त हिदायत जारी की है कि वे स्वयं खुद की जांच कराए नहीं परिवार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी।
कौशांबी में 4929 लोगों को किया गया क्वांटराइन :- दिहाड़ी मजदूर लॉक डाउन में जैसे-तैसे अपने घरों को लौटने की जद्दोजहद कर रहे हैं। दिल्ली-राजस्थान में मजदूरी करने वाले 280 कामगार झारखंड और बिहार जा रहे थे। इन सभी को कौशांबी के कनवार बॉर्डर पर रोका गया। जहां थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सभी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय ककोड़ा में सौ व कोइलहा में बने अस्थाई आश्रय स्थल में 180 क्वांटराइन किया गया है।
इसके अलावा तीन दिनों में आए 4929 लोगों को अलग-अलग स्थानों पर बने अस्थाई आश्रय स्थल पर क्वांटराइन किया गया है। इन सभी को खाने पीने की सुविधा प्रशासन उपलब्ध कराता है। उप जिलाधिकारी सिराथू राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आश्रय स्थल पर सभी 280 कामगारों को क्वांटराइन किया गया है। इन्हें पूरे 14 दिन तक आश्रय स्थल में रखा जाएगा। जहां प्रशासन द्वारा खाने-पीने व सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं।
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