कुशीनगर, आजमगढ़ पूर्वांचल के पिछड़े इलाके से आते हैं जहां अशिक्षा और गरीबी दोनों ने अपनी जड़ें जमा रखी हैं। अशिक्षित और मजबूरी की वजह से लोग अक्सर अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं। कोरोना वायरस जिस ढंग से बढ़ रहा है उससे पूरी प्रदेश में डर व्याप्त है। इसी डर ने लोगों के दिल दिमाग में कोरोना माई की जगह बनाई।
इस तरह से बुनी गई कोरोना माई की कहानी :- अब हम कहानी के जन्म पर बात करते हैं तो यह कहानी पूरी तरह से बिहार से उड़ कर आई है। कुछ इस तरह की अफ़वाह चल रही है कि दो औरतें खेत में घास काट रही थीं. वहीं एक गाय घास खा रही थी, घास काट के औरतें घर जाने वाली थीं कि तभी गाय ने एक औरत का रूप धारण कर लिया। यह देखकर महिलाएं भागने लगीं तो गाय ने कहा, ‘भागो मत…मैं कुछ नहीं करूंगी।’ फिर गाय ने कहा कि कोरोना से दुनिया का ऐसा डांवाडोल इस वजह से हो रखा है क्योंकि कोई ‘कोरोना माई’ की पूजा नहीं कर रहा।’ उसके बाद इसके पूजन की विधि चारों तरफ फैल गई। जिसमें कहा गया कि किसी खेत में लिपाई कर, नौ लौंग, नौ अड़हुल फूल और नौ लड्डू चढ़ाए जाने चाहिए। शुक्रवार और सोमवार को पूजा की जानी चाहिए, जिसके बाद एक और आंधी आएगी और फिर ‘कोरोना माई’ चली जाएंगी।
आजमगढ़ की महिलाओं का विश्वास :- आजमगढ़ में शुक्रवार सुबह बारिश के बीच तमाम महिलाएं जिला मुख्यालय स्थित एसकेपी इंटर कालेज पहुंच गई। बारिश से बेपरवाह कई महिलाएं एक लाइन में बैठकर ‘कोरोना माई’ की पूजा अर्चना करती नजर आईं। महिलाएं पूजन सामग्री के साथ खुरपी भी लिए हुए थीं। पूजा सामाग्री में महिलाओं के पास नौ लौंग, नौ पान के पत्ते, नौ लाल रंग के पुष्प व नौ लड्डू आदि मौजूद था। महिलाओं ने पहले सामने खुरपी से गड्ढ़ा खोदा, कोरोना माता की अर्चना की। उसके बाद पूजन सामग्री गड्ढ़े में डालकर उसे दबा दिया। महिलाओं का विश्वास है कि जल्द ही गांव को कारोना संक्रमण से मुक्ति मिल जाएगी।
पडरौना में कोरोना गीत गाकर की पूजा :- पडरौना शहर में शुक्रवार को महिलाओं ने खाली जमीन में गड्ढा खोदा और उसमें पानी डालकर कोरोना माई के नाम की पूजा अर्चना की। महिलाओं ने नौ लड्डू और नौ लौंग चढ़ाकर गीत गाते हुए कोरोना माई की पूजा की। सोशल मीडिया के जरिए यह अफवाह फैली तो इसी तरह की पूजा जिले के तमकुहीराज, कसया, हाटा, कप्तानगंज, खड्डा तहसील क्षेत्रों में भी महिलाओं ने किया। पूजा कर रही महिलाओं ने बताया कि कोरोना दवा से खत्म हो या ना हो लेकिन पूजा करने से जरूर समाप्त हो जाएगा उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है।
सोशल मीडिया जिम्मेेदार :- आजमगढ़ विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष एसके सत्येन का कहना है कि अंधविश्वास में पड़कर लोग समाज में भ्रांतियां फैला रहे है। कहीं न कहीं इसके लिए सोशल मीडिया भी जिम्मेेदार है। सोशल मीडिया पर भ्रांति फैला रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए वहीं पूजा कर रही महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है।
खिलाफ कार्रवाई की जाएगी :- उप जिलाधिकारी सदर रावेंद्र सिंह का कहना है कि इस तरह के पूजा पाठ से संबंधित मामला अभी संज्ञान में आया है। इस संबंध में शहर कोतवाल को निर्देशित किया जा रहा है कि अगर कोई इस तरह की भ्रांति फैला रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हम सोशल मीडिया की भी मानीटरिंग करेंगे। रहा सवाल महिलाओं के पूजा पाठ का तो यह आस्था से जुड़ा मामला है। हम उन्हें जागरूक कर अंधविश्वास दूर करने का प्रयास करेंगे।