देश में पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी। जापान के सहयोग से इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के पास है। रेल विभाग यूपी में दो बुलेट ट्रेन परियोजनाओं के साथ पांच अन्य मार्ग पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। एनएचएसआरसीएल को इन सभी परियोजनाओं का डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दिल्ली-वाराणसी रूट पर डाटा कलेक्शन का टेंडर जारी:- वह दिन अधिक दूर नहीं है जब उत्तर प्रदेश में भी बुलेट ट्रेन चलती दिखाई देगी। नई दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन के रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट अमेरिकी कंपनी मोट मैकडॉनल्ड ने तैयार कर केंद्र सरकार को वर्ष 2019 में सौंप दी थी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों के अनुसार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी। फिलहाल डाटा कलेक्शन के लिए दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-अहमदाबाद के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। दिल्ली-वाराणसी रूट पर डाटा कलेक्शन का काम तेजी से चल भी रहा है। उसके बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण शुरू होगा। हालांकि इस सबको पूरा होने में कम से कम पांच से सात साल लग सकते हैं।
सात कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव :- दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर के अलावा केंद्र सरकार ने पांच अन्य रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार करा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिन सात कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है उनमें दिल्ली-वाराणसी (865 किलोमीटर), मुंबई-नागपुर (753 किमी), दिल्ली-अहमदाबाद (886 किमी), चेन्नई-मैसुरु (435 किमी), दिल्ली-अमृतसर (459 किमी), मुंबई-हैदराबाद (711 किमी) और वाराणसी-हावड़ा (760 किमी) कॉरिडोर शामिल हैं। दिल्ली से कानपुर होते हुए वाराणसी तक जाने वाली बुलेट ट्रेन को बाद में पटना और अंतत: कोलकाता तक ले जाया जा सकता है।
देश की पहली बुलेट वर्ष 2022 तक पटरियों पर दौड़ने की उम्मीद :- देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि यह बुलेट ट्रेन अगस्त 2022 तक शुरू हो जाएगी। जमीन का अधिग्रहण का काम अभी थोड़ा बाकी है। नवंबर से ट्रैक निर्माण शुरू हो जाएगा। जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी जीका ने पहली बुलेट ट्रेन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की थी। इस बुलेट ट्रेन की लागत 1.1 लाख करोड़ रुपए आई है, जिसमें से जीका ने 0.1 फीसदी ब्याज पर 50 साल के लिए 90 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया है।