सवाल-महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को रोकने के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए? जवाब- यूं तो देश के हर जिले में महिला अपराध होते हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा। देश में करीब 740 जिले हैं अपराध पर नियंत्रण पाना है तो हर जिले में महिला अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय की स्थापना होनी चाहिए। इन न्यायालय में महिलाओं से किए गए घृणित अपराधों की सुनवाई हो और तेजी से फैसला आए। सख्त कानून बनाया जाए। अभी देश में कॉन्टिनेंटल कानून का उपयोग ज्यादातर हो रहा है। निर्भया कांड में इसका उपयोगा हुआ। इसमें आरोपी के खिलाफ सारे सुबूत होने के बाद कोर्ट में आरोपी को अपने को निर्दोष साबित करना होता है। कोर्ट यह मानकर चले कि आरोपी ही अपराधी है। कुछ अपराधों में इस तरह के सिस्टम को लाना बेहद जरुरी है। निकिता तोमर जैसे हत्याकांड पर पुलिस को भी सजगता दिखानी होगी। यदि घटना की सूचना पुलिस को है तो ऐसे कानून बनाने चाहिए जिसमें सूचना मिलते ही आरोपी को समझाया जाए। बताया जाए कि एकतरफा प्यार क्या है। ऐसे मामलों में मां-बाप को भी सख्ती से बच्चों को समझाना चाहिए।
सवाल- महिला अपराधों पर क्या शीघ्र फैसला आने से ही समस्या का समाधान संभव है? जवाब- देखिए। अपराध पर फैसला शीघ्र आने से समाज में डर पैदा होता है। इसलिए बेहद जरूरी कि त्वरित और तुरंत सजा पर काम हो। दिल्ली के तंदूर कांड में नौ साल तक ट्रायल चला। नौ सौ सुनवाई हुई, फिर फैसला आया। यदि इस अपराध में एक साल में फैसला आ जाता तो समाज में अच्छा संदेश जाता। लोगों में भय पैदा होता।
सवाल-बदले माहौल में सामाजिक संस्कार में किस तरह के बदलाव की जरूरत है? जवाब- दुनिया बदल रही है। इसलिए हर मां-बाप को बेटों को लड़की का सम्मान करना सिखाना चाहिए। अभी हमारे समाज में लड़कों को मां, बहन की इज्जत करना तो बताया जाता है पर युवा लड़कियों को सम्मान देने की बात नहीं सिखायी जाती। चाहे वह हिन्दू हो, मुस्लिम हो, ईसाई हो या फिर कोई अन्य धर्म। साथ पढऩे वाली लड़की को जरुरी नहीं कि बहन माना जाए पर लड़की होने की वजह से सम्मान देना तो ही आना चाहिए।
सवाल- अधिकतर मामलों में देखा गया है कि महिला ही महिला की दुश्मन होती हैं। क्या कहना चाहेंगे? जवाब- कई बार ऐसा होता है। महिला ही महिला के खिलाफ होती है। भारत में सेक्स रेशियो बहुत ही खराब है। हमारे समाज में बेटे की चाहत अधिक है। बेटी को महिला भी पसंद नहीं करती हैं। पूरे देश में पश्चिम बंगाल और केरल की ही स्थिति कुछ ठीक है। बाकी तो हरियाणा में तो सबसे खराब हालात है। यह सोच भी बदलनी चाहिए।
सवाल- फिर, महिला अपराध रोकने का कारगर उपाय क्या हो सकता है? जवाब- महिला अपराध कम करने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। यह लंबी प्रक्रिया है। भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध होता है। लेकिन, दुनिया में रेप कैपिटल न्यूयार्क है। विश्व में एक साल में सबसे ज्यादा बलात्कार दक्षिण अफ्रीका में होता है। भारत में रेप की बहुत सी घटनाएं अंडर रिपोर्टिंग हैं। पर फिर भी भारतीय समाज में कुछ शर्म है। यह शर्म और बढ़े इसलिए शिक्षा और जागरूकता जरूरी है।
सवाल-महिला अपराध रोकने के लिए किस तरह की जागरुकता की वकालत करेंगे ? जवाब- यूपी में योगी सरकार की मिशन शक्ति योजना महिला जागरुकता का एक उदाहरण है। सरकार की अन्य योजनाएं जैसे डॉयल 100, 112, 1090 जब बनी थीं तब इनके परिणाम आने में वक्त लगा था। इसलिए सतत जागरुता और पहल जरूरी है। इंतजार करना पड़ा रिजल्ट अच्छा आएगा। महिला अपराध रोकने में हिन्दू धर्मगुरु, मुस्लिम धर्मगुरु और सामाज के लोगों को एकजुट होकर सामने आना चाहिए। सफलता तो मानसिकता पर निर्भर करती है। यह सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है। अन्य देशों में भी इसे शिक्षा और जागरुकता से ही निपटा जा रहा है। फांसी समस्या का समाधान नहीं है।