उत्तर प्रदेश में अभी तक 15 लाख प्रवासी श्रमिक अपने गांव यूपी सरकार की मदद से पहुंच चुके हैं। इन श्रमिकों में कईयों को जांच के बाद कोरोना वायरस पाजिटिव निकला। जिस वजह से प्रदेश में 4057 कोरोना वायरस पाजिटिव की संख्या हो गई है। और इनमें से भी कई ऐसे श्रमिक हैं जिन्हें सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत है, लेकिन वे इलाज न कराकर मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खा रहे हैं। इस खतरे को भांपते हुए योगी सरकार ने मेडिकल कारोबारियों के लिए गाइड लाइन जारी की है। सर्दी, खांसी व बुखार की दवा लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर लोगों को अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर देना होगा, वहीं दवा व्यवसायी हर दिन इसकी डिटेल स्वास्थ्य विभाग को अपडेट कराएंगे।
आयुक्त औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी एके जैन ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि, कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी जिले शाम पांच बजे तक प्रतिदिन संबंधित रिपोर्ट भेजेंगे। बुखार, खांसी तथा जुकाम से मिलने-जुलते लक्षणों के आधार पर दुकानों से सीधे दवा खरीदने वालों के नाम, फोन नंबर तथा पते का ब्यौरा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के ई-लिंक पर भेजना होगा।
विभाग शासन को भेजेगा अपनी रिपोर्ट :- दुकानदार रोज शाम को 6 बजे औषधि विभाग को इसकी सूचना देंगे। इसके बाद विभाग शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगा। जिससे उनकी भी विभाग मॉनिटरिंग कर सके। यह सूची प्रतिदिन शासन को भेजी जाएगी। बीते 15 दिन की जानकारी भी मांगी है कि सदी-खांसी व बुखार के कितने मरीज किस क्षेत्र से आए हैं। इसके आधार पर विभाग अब उन तक पहुंचकर स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण करेगा।
पर्चें स्कैन का पहले आर्डर :- एचआइवी, टीबी, नींद, मानसिक रोग आदि से संबंधित दवाओं के संबंध में पहले से यह व्यवस्था है कि मेडिकल स्टोर दवा खरीदने वाले के पर्चे को स्कैन करने के साथ ही उसका पूरा विवरण रखेंगे।