खुल रहे हैं नए डीमैट खाते :- शेयर में इनवेस्ट करने का यूपी के निवेशकों में एक नया चलन शुरू हुआ है। साढ़े चार वर्ष पूर्व यह स्थिति बिल्कुल नहीं थी। अचानक निवेशकों का रुझान शेयर बाजार में बढ़ गया है। और रोजाना बीएसई में नए अकाउंट खोले जा रहे हैं। बाम्बे स्टाक एक्सचेंज के अनुसार ब्रोकरेज कंपनियों और शेयर बाजारों ने पिछले 18 माह में हर महीने लाखों नए डीमैट खाते खोले हैं। इनमें से चालीस फीसद डीमैट खाते बीएसई से जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियों ने खोले हैं।
बीएसई में नम्बर तीन पर दर्ज है यूपी :- बीएसई में पंजीकृत निवेशकों की संख्या के आधार पर अगर बात करें तो यूपी की हैसियत इस वक्त तीसरे नम्बर पर है। पहले नम्बर पर महाराष्ट्र और दूसरे नम्बर पर गुजरात का आता है। जून 2020 तक बीएसई में रजिस्टर्ड क्लाइंट कोड के आधार पर सात करोड़ निवेशक पंजीकृत थे। इनमें करीब डेढ़ करोड़ (21 फीसद) महाराष्ट्र और तकरीबन 86 लाख निवेशक गुजरात के पंजीकृत हैं।
बीएसई से जुड़े यूपी के 53 लाख :- बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में उत्तर प्रदेश के 53 लाख, तमिलनाडु के 43 लाख और कर्नाटक के 42 लाख खाते हैं। पश्चिम बंगाल के 39.5 लाख, दिल्ली के 37.3 लाख, आंध्र प्रदेश के 36 लाख, राजस्थान के 34.6 लाख, मध्य प्रदेश के 25.5 लाख खाते थे। सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर कोई खाताधारक एक साल से खाते का उपयोग नहीं करता है तो इन डीमैट खातों को निष्क्रिय माना जाता है।
योगी सरकार के आने के बाद बदली स्थितियां :- वर्ष 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद स्थितियां बदली। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश आज दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है।