यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 की परिसीमन सूची देखकर ग्राम प्रधान उम्मीदवारों के होश उड़े भाजपा की शक्ति बढ़ी पर सपा नम्बर 1 :- उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सौ सदस्य हैं। विधान परिषद में आगामी 30 जनवरी के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्य संख्या 55 से घटकर 51 रह जाएगी। छह सदस्यों में से सिर्फ दल नेता अहमद हसन व पार्टी प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी दोबारा सदन में पहुंचे। दस सदस्यों की जीत के साथ विधान परिषद में भाजपा सदस्य की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई है। इन 10 में तीन सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, स्वतंत्रदेव सिंह और लक्ष्मण आचार्य को फिर से मौका मिला है जबकि गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अरविंद कुमार शर्मा, पार्टी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, कुंवर मानवेंद्र सिंह, सलिल विश्नोई, धर्मवीर प्रजापति, सुरेंद्र चौधरी नए सदस्य है।
सभापति पद के लिए सपा करेगी दावेदारी :- विधान परिषद में अब सपा अहमद हसन के लिए सभापति पद की दावेदारी काार सकती है। राज्यपाल अगर वरिष्ठतम सदस्य के नाते अहमद हसन को प्रोटेम सभापति मनोनीत नहीं करते हैं तो सपा नवनियुक्त प्रोटेम स्पीकर के खिलाफ संकल्प ला सकती है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए वरिष्ठतम सदस्य की बाध्यता नहीं है। यह केवल परंपरा है। सपा ने परंपरा को देखते हुए ही अहमद हसन को उम्रदराज होने के बावजूद पांचवीं बार परिषद भेजा है।
30 जनवरी 2021 के बाद विधान परिषद :- विधान परिषद में 30 जनवरी 2021 के बाद सभी राजनैतिक दलाेेें की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी। समाजवादी पार्टी-51, भारतीय जनता पार्टी-32, बहुजन समाज पार्टी- 6, कांग्रेस- 2, अपना दल सोनेलाल-एक, शिक्षक दल-एक, निर्दलीय समूह-दो, निर्दलीय-तीन, रिक्त-2।