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यूपी में राजनीतिक माहौल हुआ गरम, सीएम योगी के साथ केजरी पर भी चले तीर

locationलखनऊPublished: Jun 08, 2020 04:17:47 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश में सोमवार को राजनीतिक माहौल में गरमी पैदा हो गई।

यूपी में राजनीतिक माहौल हुआ गरम, सीएम योगी के साथ केजरी पर भी चले तीर

यूपी में राजनीतिक माहौल हुआ गरम, सीएम योगी के साथ केजरी पर भी चले तीर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सोमवार को राजनीतिक माहौल में गरमी पैदा हो गई। यूपी में 69000 बेसिक शिक्षकों भर्ती मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर तीखे बाण मारे कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती उप्र का व्यापम घोटाला है तो यूपी कांग्रेस उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के संरक्षण में गिरोह चल रहे हैं। विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का व्यापमं है। इसके पहले भी 68500 शिक्षक भर्ती में भी गड़बड़ी हुई थी। इसके अलावा केजरीवाल के बयान दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसे विभाजनकारी फैसला करार दिया तो बसपा सप्रीमो मायावती ने कहा- केंद्र सरकार दखल दे।
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69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला : प्रियंका गांधी

यूपी में 69000 बेसिक शिक्षकों भर्ती संबंधी प्रक्रिया मामले में रोजाना कोई न कोई नए राज का पर्दाफाश हो रहा है। राजनीतिक पार्टियां भी इसको मुद्दा बनाने से नहीं चूक रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षक भर्ती मामले में निशाने पर रखते हुए कहाकि 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। मध्य प्रदेश का आजतक का सबसे बड़ा घोटाला था व्यापम घोटाला।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को ट्विट कर योगी सरकार पर हमला बोला। ट्विट में कहाकि 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना-ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं। मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा। प्रियंका गांधी ने ट्विट में कहाकि 68500 भर्ती मामले में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। युवाओं के आवाज उठाने के बाद पुनर्मूल्यांकन में लगभग 5000 अभ्यर्थी पास हुए थे। अब 69000 में भी भारी हेरफेर सामने आई है। सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग के बतौर देखना चाहिए।
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वीरेंद्र चौधरी ने कहा- रद्द हो 69000 शिक्षक भर्ती, मुख्यमंत्री के संरक्षण में चल रहा गिरोह

‘उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती व्यापमं की तरह बड़ा घोटाला है। भाजपा ने चुनाव से पहले घोषणा किया था कि युवाओं को रोजगार देगी. लेकिन सरकार ने युवाओं के साथ धोखाधड़ी की है। इस पूरी भर्ती को रद्द किया जाये और इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।’ यूपी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता में सरकार को घेरा। यूपी प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के संरक्षण में गिरोह चल रहा है जिसने इस शिक्षक भर्ती में युवाओं के साथ धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती को तत्काल निरस्त किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। यह सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला है। भाजपा को बताना चाहिए कि क्या ऐसे घोटालों से वह चुनाव का पैसा इकठ्ठा कर रही है?
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मुख्यमंत्री के संरक्षण में चल रहा गिरोह : एमएलसी दीपक सिंह

विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का व्यापमं है। इसके पहले भी 68500 शिक्षक भर्ती में भी गड़बड़ी हुई थी। कोर्ट ने फटकार लगाई थी और कहा था कि सरकार कुटिल राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि अब 69 हजार भर्ती प्रक्रिया में शुरू से युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुई। हर परीक्षा की तरह इस परीक्षा में भी पेपर लिक हुआ है। टॉपर का पता नहीं चल रहा था, पता चला तो उसे राष्ट्रपति का नाम पता नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग में एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है। एक शिक्षिका 25 जगह से वेतन ले रही है। यह सब मुख्यमंत्री के संरक्षण में गिरोह चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस इलाहाबाद के शिक्षा माफिया की बात सामने आई है। उनके तार मुख्यमंत्री तृतीय से जुड़ा हुआ है कि नहीं इसकी जांच होनी चाहिए।
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दिल्ली सरकार का फैसला विभाजनकारी : केशव प्रसाद मौर्य

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा। इस पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसे विभाजनकारी फैसला करार दिया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस फैसले को विभाजनकारी बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले। जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। इस आदेश से अन्य प्रदेशों के साथ विवाद उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी समस्या का अगर कोई केंद्र है, तो वह अरविंद केजरीवाल हैं। प्रवासी मजदूरों को लेकर समस्या भी उन्होंने ही उत्पन्न की। लॉकडाउन घोषित होने के बाद केजरीवाल ने यूपी के रहने वाले लोगों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर छुड़वा दिया था। अब अस्पतालों में इलाज को लेकर विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं।
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मायावती ने कहा- केंद्र सरकार दे दखल

केजरीवाल सरकार के फैसले दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा पर ट्वीट करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है इसलिए दिल्ली सरकार उसका इलाज नहीं होने देगी, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये। एक और ट्वीट में मायावती ने कहा कि अनलाॅक-1 के तहत आजसे जो भी स्थल व बाजार आदि खुल गये हैं. वहां जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिये। यदि बहुत जरूरी है तब ही वहां जाना चाहिये, वरना जाने से बचना चाहिये।
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